पायलटों की याचिका पर एयर इंडिया को नोटिस
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पायलटों की याचिका पर एयर इंडिया को नोटिस

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पायलटों उस याचिका पर केंद्र और एयर इंडिया से जवाब मांगा जिसमें उनकी हड़ताल के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने के अदालत के अधिकार पर सवाल खड़ा किया गया है। केन्द्र सरकार और एयर इंडिया 13 जुलाई तक नोटिस के जवाब देने हैं।

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने पायलटों उस याचिका पर केंद्र और एयर इंडिया से जवाब मांगा जिसमें उनकी हड़ताल के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने के अदालत के अधिकार पर सवाल खड़ा किया गया है। केन्द्र सरकार और एयर इंडिया 13 जुलाई तक नोटिस के जवाब देने हैं।

न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी की अवकाशकालीन पीठ ने पायलटों की याचिका में केंद्र और एयर इंडिया प्रबंधन को याचिका पर नोटिस जारी किया। इस याचिका में पायलटों के हड़ताल पर जाने पर रोक लगाने के न्यायालय के नौ मई 2012 के एकतरफा आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है। पायलटों की हड़ताल के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र पर सवाल खड़ा करने वाली इस याचिका पर पीठ ने कहा कि मामले की सुनवाई के लिए कोई जल्दी नहीं है। न्यायालय ने कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए ही पहले से ही निर्धारित 13 जुलाई की तारीख पर जवाब दाखिल किया जाए।

मूल एयर इंडिया के पायलटों का प्रतिनिधित्व करने वाली द इंडियन पायलट्स गिल्ड ने न्यायाधीश के नौ मई के आदेश को निरस्त करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

आईपीजी ने अपनी याचिका में नौ मई 2012 के आदेश को यह कहते हुए निरस्त करने की मांग की कि दिल्ली उच्च न्यायालय के पास अधिकार क्षेत्र नहीं है क्योंकि उसका कार्यालय मुंबई में है।

याचिका में कहा गया है, ‘इस अदालत के पास इस वाद पर विचार करने का अधिकार क्षेत्र इस तथ्य के मद्देनजर भी है कि विवाद औद्योगिक विवाद अधिनियम के प्रावधानों के तहत औद्योगिक विवाद की परिभाषा के दायरे में आता है।’ गत नौ मई को न्यायमूर्ति रेवा खेत्रपाल ने 200 से अधिक एयर इंडिया के आंदोलनकारी पायलटों के अवैध हड़ताल को जारी रखने पर रोक लगा दी थी। (एजेंसी)

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