पुलिस को संवदेनशील बनाने की जरूरत : SC

उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि समाज में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है और प्रशासन तथा कानून लागू करने वालों को महिला की समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनाकर ही इस पर काबू पाया जा सकता है।

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि समाज में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है और प्रशासन तथा कानून लागू करने वालों को महिला की समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनाकर ही इस पर काबू पाया जा सकता है।
न्यायमूर्ति आफताब आलम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने वैवाहिक जीवन में पत्नी की पिटाई को सामान्य बात बताने वाले निचली अदालत के निर्णय को दरकिनार करते हुए कहा कि यह एक विकृत फैसला है। न्यायालय ने कहा, ‘इससे मानसिकता का पता चलता है जिसे बदलने की जरूरत है। महिलाओं के खिलाफ अपराध में तेजी से वृद्धि हुई है और संविधान तथा दूसरे कानूनों के तहत महिलाओं को प्राप्त संरक्षण तभी सार्थक होगा जब इस काम की जिम्मेदारी निभाने वालों को महिला की समस्या के प्रति संवेदनशील बनाया जाए।’
न्यायाधीशों ने कहा, ‘हम अधीनस्थ अदालतों के बारे में टिप्पणियां करने से बचते हैं क्योंकि ऐसी टिप्पणियां उनका मनोबल गिरा सकती हैं। लेकिन असहाय महिला के प्रति गंभीर अपराध के इस मामले में यदि हमने सत्र न्यायाधीश की संवेदनहीनता को नजरअंदाज किया तो हम अपनी जिम्मेदारी से विमुख होंगे।’ (एजेंसी)

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