प्रधानमंत्री को JPC में बुलाने की मांग खारिज, गतिरोध बरकरार
Advertisement
trendingNow133880

प्रधानमंत्री को JPC में बुलाने की मांग खारिज, गतिरोध बरकरार

2जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में गतिरोध गुरुवार को भी जारी रहा। जेपीसी के अध्यक्ष पी.सी. चाको ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम को गवाह के तौर पर बुलाने की भाजपा की मांग खारिज कर दी।

नई दिल्ली : 2जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में गतिरोध गुरुवार को भी जारी रहा। जेपीसी के अध्यक्ष पी.सी. चाको ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम को गवाह के तौर पर बुलाने की भाजपा की मांग खारिज कर दी। इसके बाद पार्टी के सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार किया।
वरिष्ठ कांग्रेस सांसद चाको ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने पिछले हफ्ते लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री को जेपीसी के समक्ष गवाह के रूप में बुलाने के बारे में उनका मन्तव्य मांगा था। उन्होंने भी कहा कि इस विषय पर उनके मन्तव्य देने से पहले जेपीसी किसी नतीजे पर पहुंचे।
जेपीसी की बैठक में पूर्व कैबिनेट सचिव के.एम. चंद्रशेखर ने साक्ष्य पेश किए। दिनभर बैठक चलने के बाद चाको ने कहा, `अगर मैं उन्हें (प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री) गवाह के रूप में बुलाता तो यह पहली बार होता। जब ऐसी कोई मिसाल नहीं है तब उन्हें बुलाने का सवाल ही नहीं उठता। मंत्रियों को बुलाने के मसले पर यदि सर्वसम्मत फैसला हो, तब हम उन्हें बुलाएंगे।`
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विचार के लिए जेपीसी की बैठक फिर अगली तिथि को होगी और उसमें हम किसी नतीजे पर पहुंचेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा के सदस्यों को बैठक में लौटने के लिए मनाया नहीं गया, कांग्रेस सांसद ने कहा कि इस बारे में अभी तक सभी प्रयास किए गए जो विफल रहे। इस मसले पर भाजपा नेता यशवंत सिन्हा के लिखे पत्र के बारे में पूछे जाने पर चाको ने कहा कि सिन्हा का पत्र गवाहों की सूची से सम्बंधित था, उन्होंने उनके द्वारा उठाए गए प्रत्येक बिंदु का जवाब दिया है।
सिन्हा एवं उनके पांच पार्टी सहयोगी बैठक से दूर रहे। वे चाहते थे कि चाको गवाहों की सूची को अंतिम रूप दें और प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री को गवाह के रूप में बुलाने के बारे में फैसला लें।
जेपीसी प्रमुख ने कहा कि यह समिति उन्हीं नियमों और व्यवस्था के अनुरूप कार्य करती है जो अन्य संसदीय समितियों पर लागू हैं और इन नियमों के तहत न तो प्रधानमंत्री को और न ही मंत्रियों को बुलाया जा सकता है।
उधर, भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री की जेपीसी के समक्ष उपस्थिति महत्वपूर्ण है, क्योंकि 2जी स्पेक्ट्रम विवाद में शामिल प्रमुख लोगों में ये दोनों भी थे। उन्होंने कहा, `मैं कांग्रेस से अपील करती हूं कि वह प्रत्येक जांच में गड़बड़ी न करे..प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री की उपस्थिति महत्वपूर्ण है, इस बात को समझे।` (एजेंसी)

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news