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नई दिल्ली: दो वर्षीया फलक को कथिततौर पर अपनी किशोर मित्र को सौंपने वाले राजकुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने शनिवार को बताया कि मामले में एक महिला की भी गिरफ्तारी हुई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में मानव तस्करी के रैकेट का खुलासा हुआ है।
मामले में मुख्य अभियकुत राजकुमार गुप्ता भाग गया था, शुक्रवार देर रात दिल्ली पुलिस ने उसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिया। इसी मामले में प्रतिमा नाम की एक महिला की पटना से गिरफ्तारी हुई है। शर्मा ने बताया कि यह महिला उस मानव तस्कर रैकेट का हिस्सा है जिसमें राजकुमार की 14 वर्षीय प्रेमिका का शोषण हुआ।
प्रतिमा को लक्ष्मी नाम की महिला ने फलक सौंपी थी। प्रतिमा ने यह बच्ची राजकुमार को दी और वहां से यह किशोरी को दी गई। किशोरी के साथ कथित तौर पर यौन दुराचार हुआ था। पुलिस इस मामले में अब तक 10 गिरफ्तारियां कर चुकी है।
फलक को 18 जनवरी को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में दाखिल कराया गया था। उसे दाखिल कराने वाली किशोरी ने खुद को उसकी मां बताया था। फलक के सिर पर गहरी चोटें थीं और उसके शरीर पर इंसान के काटने के निशान थे। जब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया तब उसकी हालत बहुत गम्भीर थी। बीते तीन सप्ताह से यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती फलक की हालत में शुक्रवार को थोड़ा सुधार हुआ।
बच्ची के जीवित बचने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। चिकित्सकों ने कहा है कि वे जल्दी ही फलक की एक जटिल सर्जरी करेंगे।
डॉक्टरों के मुताबिक जब मस्तिष्क में संक्रमण कम हो जाएगा, तब हम उसके दिमाग की एक सर्जरी करेंगे। इसे 'शंट' सर्जरी कहा जाता है। इसमें हम उसके पेट के जरिए उसके दिमाग में प्लास्टिक की एक नली डालेंगे और उसके जरिए मस्तिष्क में भरा द्रव्य बाहर निकालेंगे। चिकित्सकों ने कहा कि फलक के इलाज का एकमात्र यही तरीका है लेकिन यदि नली से संक्रमण होता है तो उसके लिए सर्जरी की जाएगी।