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नई दिल्ली. अन्ना हजारे के अनशन खत्म होने के बाद टीम के अन्य सदस्यों ने रविवार को उम्मीद जतायी कि सरकार लोकपाल विधेयक पारित कराने के लिये एक महीने के भीतर संसद का विशेष सत्र बुलायेगी.
अन्ना टीम के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार ने उन्हें बताया है कि वह विधेयक में हजारे के उठाये तीनों मुद्दों को शामिल कर इस आशय का प्रस्ताव स्थायी समिति के पास भेज दिया जायेगा.
प्रशांत भूषण ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार एक महीने के भीतर सत्र बुलायेगी ताकि लोकपाल विधेयक पारित हो सके. तब तक हमें उम्मीद है कि संसद की स्थायी समिति भी अपना काम पूरा कर लेगी.
सरकार के लोकपाल विधेयक के बारे में पूछे जाने पर भूषण ने कहा कि इसे वापस लेने की मांग करने में अब कोई फायदा नहीं है क्योंकि संसद हजारे के तीनों मुद्दों पर सैद्धांतिक सहमति जता चुकी है.
इस बीच, मेधा पाटकर ने इन बातों को खारिज कर दिया कि हजारे पक्ष में मतभेद हैं. मेधा ने कहा, हमारे बीच कोई मतभेद नहीं हैं. ये कहा जा रहा है कि मैं और प्रशांत भूषण सरकार से बातचीत करने इसलिये गये क्योंकि हमारा उदारवादी नजरिया है. इस तरह की बातें सही नहीं हैं. मैंने और प्रशांत ने बातचीत के लिये जाने का निर्णय इसलिये किया था क्योंकि दूसरे लोग अलग-अलग काम कर रहे थे.
सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, हमारा नजरिया एकदम स्पष्ट है. हम मिल-जुलकर निर्णय करते हैं. हम अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों को मुख्य समूह मानते हैं. इससे पहले अन्ना ने भी अनशन खत्म करने के बाद कहा था कि उम्मीद करता हूं कि सरकार इस बिल को जल्द ही कानून बनाएगी.