नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को निचली अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें सीबीआई के निदेशक को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर, करोड़ों रुपये के मोलारबंद और धीरपुर भूमि घोटाला मामले से संबंधित कुछ दस्तावेजों के गायब होने का ब्यौरा देने को कहा गया था।
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने कहा कि सीबीआई निदेशक के स्थान पर डीआईजी (सीबीआई के संयुक्त निदेशक) निचली अदालत के समक्ष उपस्थित होकर ब्यौरा दे सकते हैं। इस प्रकार, निचली अदालत के आदेश को रूपांतरित किया जाता है।
सीबीआई की ओर से उपस्थित हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल विवेक तनखा ने कहा कि हम इस बात का पूरा प्रयास करेंगे कि सीबीआई संबंधित निचली अदालत को पूरा सहयोग करे। चूंकि सीबीआई निदेशक को एजेंसी के सम्पूर्ण मामले देखने होते हैं, इसलिए उनका व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना कठिन होगा। एजेंसी की दलील को मंजूर करते हुए न्यायमूर्ति कैत ने कहा कि मेरे विचार से निचली अदालत में संयुक्त निदेशक का उपस्थित होना उपयुक्त रहेगा।
(एजेंसी)