आजम से नाराज, अखिलेश से निराश हैं बुखारी
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आजम से नाराज, अखिलेश से निराश हैं बुखारी

जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने उत्तर प्रदेश के मंत्री आज़म खान पर फिर से निशाना साधते हुए आज दावा किया कि राज्य सरकार से मुसलमान मायूस और नाराज हैं तथा इसकी बड़ी वजह यह मंत्री ही हैं।

नई दिल्ली: जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने उत्तर प्रदेश के मंत्री आज़म खान पर फिर से निशाना साधते हुए आज दावा किया कि राज्य सरकार से मुसलमान मायूस और नाराज हैं तथा इसकी बड़ी वजह यह मंत्री ही हैं।
बुखारी ने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह को लिखे पत्र में राज्य की अखिलेश यादव सरकार, खासकर आजम खान के कामकाज को लेकर असंतोष जताया है।
बीते 31 जुलाई को मुलायम सिंह की ओर से अपनी ही सरकार के कामकाज पर नाखुशी जाहिर करने का हवाला देते हुए बुखारी ने कहा, ‘आपने राज्य सरकार की गतिविधियों पर जिस तरह से मायूसी प्रकट की है, मैं उससे पूरी तरह सहमत हूं।’ उन्होंने कहा, ‘चुनाव से पहले मुसलमानों से जो वादे किए गए थे, उसे पूरा नहीं किए जाने से इस समुदाय में सरकार के प्रति नाराजगी पैदा हुई है। इस नाराजगी की बड़ी वजह यह है कि मुसलमानों के कल्याण एवं विकास से संबंधित मंत्रालय ऐसे मंत्री (आजम) को सौंप दिए गए जिसे मुसलमानों की तरक्की में कोई दिलचस्पी नहीं है।’
आजम के पास हज, अल्पसंख्यक कल्याण वक्फ जैसे विभागों की जिम्मेदारी है। बुखारी ने आरोप लगाया कि आजम के तहत मुसलमानों के कल्याणकारी कार्यों की बात तो दूर मुसलमानों को नौकरी से निकाला एवं निलंबित किया जा रहा है।
आजम के प्रति बुखारी की नाराज़गी कोई नयी बात नहीं है। इसी साल मई में बुखारी ने राज्यसभा चुनाव में सपा की ओर से मुसलमानों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं देने का आरोप लगाकर मुलायम को पत्र लिखा था। यहीं नहीं विधान परिषद के लिए उन्होंने अपने दामाद उमर अली खान को सपा की ओर से दिया गया टिकट भी लौटा दिया था। उस समय भी बुखारी ने आजम पर आरोप लगाए थे, जिसके बाद दोनों ओर से आरोप-प्रत्यरोप का दौर चला था। बाद में मुलायम से बुखारी की मुलाकात के बाद यह विवाद सुलझा और उमर विधान परिषद पहुंचे।
इस बार मुलायम को लिखे पत्र में बुखारी ने जेल में बंद मुस्लिम नौजवानों, दंगों, कानून व्यवस्था, मुस्लिम आरक्षण, दंगा पीड़ितों को उचित मुआवजा, सरकार एवं शासन में मुसलमानों को उचित हिस्सेदारी सहित कई मुद्दे उठाए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुसलमानों ने सपा में विश्वास जताया, लेकिन अब तक उनके लिए कुछ ठोस नहीं किया गया। इन तमाम मुद्दों पर ठोस कदम उठाने के बाद ही मुसलमानों की नाराजगी दूर हो सकती है।’ (एजेंसी)

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