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चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने एकल न्यायाधीश के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें सीबीआई को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास में 1995 से 2000 के बीच व्याख्याता के पद पर हुई नियुक्तियों की जांच का आदेश दिया गया है। मुख्य न्यायाधीश राजेश कुमार अग्रवाल और न्यायमूर्ति एम सत्यनारायणन की खंडपीठ ने साथ ही आईआईटी को आदेश दिया कि वह मूल रूप से याचिका दायर करने वाली अपनी शिक्षिका को देय संपूर्ण बकाया राशि एक सप्ताह में जमा करे।
अदालत ने आईआईटी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया और आगे की सुनवाई के लिए चार नवंबर की तारीख तय की। डब्ल्यू बी वसंता ने याचिका दायर करके आरोप लगाया था कि आईआईटी प्रशासन ने उसका जाति आधारित उत्पीड़न किया और उसे पदोन्नति से वंचित रखा। याचिका की सुनवाई करने वाली एकल न्यायाधीश की अदालत ने आईआईटी में 1995 से 2000 के बीच हुई नियुक्तियों की जांच का आदेश सीबीआई को दिया था। इस आदेश के खिलाफ आईआईटी ने याचिका दायर की है। (एजेंसी)