`लोगों ने बुनियादी जरूरतों पर खर्च 40 फीसदी घटाया`
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`लोगों ने बुनियादी जरूरतों पर खर्च 40 फीसदी घटाया`

खुदरा महंगाई में बढ़ोतरी की वजह से परिवारों ने अपने रसोई के बजट में कटौती की है। उद्योग मंडल एसोचैम के एक अध्ययन के अनुसार परिवारों ने आवश्यक वस्तुओं मसलन सब्जियों, फलों और दालों पर अपने बजट में पिछले तीन साल में 40 फीसदी तक की कटौती की है।

नई दिल्ली : खुदरा महंगाई में बढ़ोतरी की वजह से परिवारों ने अपने रसोई के बजट में कटौती की है। उद्योग मंडल एसोचैम के एक अध्ययन के अनुसार परिवारों ने आवश्यक वस्तुओं मसलन सब्जियों, फलों और दालों पर अपने बजट में पिछले तीन साल में 40 फीसदी तक की कटौती की है। अध्ययन में कहा गया है कि उंची कीमतों की वजह से परिवारों को पोषक खाद्य के इस्तेमाल के मामले में समझौता करना पड़ रहा है।
सर्वेक्षण में शामिल करीब 72 फीसदी निचले या मध्यम आय वर्ग के परिवारों ने कहा कि उन्हें अपने फल, सब्जी व दूध में बजट में 40 फीसदी तक की कटौती करनी पड़ी है। चैंबर का दावा है कि उसने यह सर्वेक्षण अक्तूबर से नवंबर के दौरान एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई व पुणे में 3,000 लोगों पर किया है।
एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा, आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ने तथा शिक्षा, परिवहन व स्वास्थ्य जैसी अन्य बुनियादी जरूरतों पर खर्च बढ़ने की वजह से कम व मध्य आय वर्ग के परिवार प्रभावित हो रहे हैं। जितनी तेजी से महंगाई बढ़ी है आमदनी उतनी तेजी से नहीं बढ़ पाई है।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि टमाटर, प्याज, भिंडी व आलू जैसी सब्जियां मध्यम वर्ग के परिवारों की पहुंच से दूर हो चुकी हैं। किसी भी परिवार में प्याज, आलू और टमाटर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। उत्पादक राज्यों में कटाई के समय बेमौसमी बारिश से इन वस्तुओं की आपूर्ति घटी है। सब्जियों के दाम बढ़ने से अक्तूबर में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 10.09 प्रतिशत पर पहुंच गई। सात माह बाद खुदरा मुद्रास्फीति दो अंक में पहुंची है।
सर्वेक्षण में शामिल 62 फीसदी वेतनभोगी परिवारों का कहना है कि उन्हें अब फल व सब्जियों पर मासिक 4,000 से 6,000 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। तीन बरस पहले तक उनका यह खर्च एक-चौथाई ही था। (एजेंसी)

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