तेलंगाना पर शिंदे की अध्यक्षता में जीओएम की पहली बैठक आज
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तेलंगाना पर शिंदे की अध्यक्षता में जीओएम की पहली बैठक आज

सीमांध्र को लेकर जारी विरोधों से अविचलित केंद्र ने पृथक तेलंगाना राज्य के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इस संबंध में विचार के लिए केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की अध्यक्षता में गठित मंत्री समूह (जीओएम) की पहली बैठक शुक्रवार को होगी।

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ज़ी मीडिया ब्‍यूरो
नई दिल्ली : सीमांध्र को लेकर जारी विरोधों से अविचलित केंद्र ने पृथक तेलंगाना राज्य के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इस संबंध में विचार के लिए केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की अध्यक्षता में गठित मंत्री समूह (जीओएम) की पहली बैठक शुक्रवार को होगी।
शिंदे ने यहां संवादाताओं से कहा कि तेलंगाना के संबंध में गठित मंत्री समूह (जीओएम) की पहली बैठक शुक्रवार को होगी। शिंदे की अध्यक्षता में इस सात सदस्यीय मंत्री समूह का कल ही पुनर्गठन किया गया है। समूह के सदस्यों में रक्षा मंत्री एके एंटनी, वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री एम वीरप्पा मोइली और ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के अलावा कुछ अन्य मंत्री शामिल हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय और कार्मिक मामलों के राज्यमंत्री वी नारायणसामी इस पैनल में विशेष आमंत्रित होंगे जारी शिंदे ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि तेलंगाना पर मंत्री समूह की बैठक परसों होगी। शिंदे पुनर्गठित मंत्री समूह का नेतृत्व करेंगे। समूह में सात केन्द्रीय मंत्री हैं। रक्षा मंत्री एके एंटनी, वित्त मंत्री पी चिदंबरम, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री एम वीरप्पा मोइली और ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश मंत्री समूह के सदस्यों में शामिल हैं। कार्मिक और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी नारायणसामी पैनल में विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।
चुनाव क्षेत्रों, न्यायिक और वैधानिक निकायों और अन्य प्रशासनिक इकाइयों के अलावा नये तेलंगाना राज्य की सीमाओं का निर्धारण मंत्री समूह के कार्य का हिस्सा है। हैदराबाद में अराजपत्रित अधिकारियों के संघ के नेता यू मुरली कृष्ण ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनसे लोगों को असुविधा से बचाने के लिए अपनी हड़ताल समाप्त करने का अनुरोध किया है। कृष्ण ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि उनके मुख्यमंत्री पद पर रहते वह राज्य का विभाजन नहीं होने देंगे। लेकिन हमने उनसे कहा कि विभाजन के मुद्दे पर विशिष्ट आश्वासन जब तक नहीं मिलेगा, हड़ताल जारी रहेगी।

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