ISIS ने भारतीय नर्सों को तिकरित से बाहर ले जाने को बाध्य किया, कुछ नर्सें घायल
Advertisement
trendingNow1227025

ISIS ने भारतीय नर्सों को तिकरित से बाहर ले जाने को बाध्य किया, कुछ नर्सें घायल

इराक में फंसे भारतीयों नागरिकों के बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुए विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि बंधक बनाए गए 39 भारतीय नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है जबकि 46 भारतीय नर्सें सुरक्षित हैं, उन्हें सुरक्षा के लिए अन्य स्थान पर ले जाया गया है।

ISIS ने भारतीय नर्सों को तिकरित से बाहर ले जाने को बाध्य किया, कुछ नर्सें घायल

नई दिल्ली : इराक के तिकरित में फंसी 46 भारतीय नर्सों को आईएसआईएस चरमपंथियों ने वहां से निकलने को बाध्य कर दिया है और ऐसी परिस्थिति में भारत ‘कठिन समय’ का सामना कर रहा है जिससे इन नर्सों को सुरक्षित निकालने का विकल्प नहीं दिख रहा है। इनमें से कुछ नर्सों को ‘मामूली चोटें’ भी आई हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इन नर्सों को अज्ञात गंतव्य ले जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि अपनी सुरक्षा के चलते वे (नर्सें) स्वयं जा रही हैं क्योंकि ‘संघषर्रत क्षेत्र में खुद की मर्जी नहीं चलती’। यह कह कर उन्होंने संकेत दिया कि वे बंधक बना ली गई हैं और दबाव के तहत हैं।

उन्होंने कहा, इस स्थिति को देखते हुए कि इराकी सरकार का नियंत्रण नहीं होने तथा मानवीय समूहों के नर्सों तक पंहुच नहीं बनने के चलते मंत्रालय ने केरल के मुख्यमंत्री और अन्य संबंधित लोगों से विचार-विमर्श करके नर्सों को सलाह दी है कि उन्हें जैसा कहा जा रहा है वैसा करें।

प्रवक्ता ने कहा, ‘यह हमारे लिए प्रिय स्थिति नहीं है। यह कठिन परिस्थिति है।’ उन्होंने हालांकि यह स्पष्ट नहीं बताया कि किसने नर्सों को तिकरित के अस्पताल से जाने को कहा और केवल इतना बताया ‘उनके अन्य जगह रवाना होने पर भी हमारा दूतावास उनसे संपर्क बनाए हुए है।’

प्रवक्ता ने साथ ही कहा कि नर्सों को कोई नुकसान नहीं पंहुचा है। उन्होंने हालांकि कहा कि तिकरित में शीशा तोड़ने की घटना के चलते कुछ नर्सों को मामूली चोटें आई है। उन्होंने कहा कि उधर कई दिनों से बंधक बना कर रखा गया 39 अन्य भारतीयों का समूह अभी भी बंधक है लेकिन उनमें से किसी को नुकसान नहीं पंहुचा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इराक के संघषर्रत क्षेत्र में लगभग 100 भारतीय फंसे हैं लेकिन उनकी सही संख्या बता पाना अभी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीयों को सुरक्षा मुहैया कराने के प्रयास में भारत अकेला नहीं है और ‘इराक के भीतर और बाहर’ उसके सहयोगी मदद कर रहे हैं।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने इन नर्सों को लेकर व्यापक चर्चा की। इनमें से अधिकतर नर्सें केरल की हैं। इस बीच विदेश मंत्रालय इराक से बाहर आने के लिए लगभग 1000 भारतीयों को हवाई जहाज के टिकट दे चुका है। तकरीबन 1500 भारतीयों ने इराक से बाहर निकलने के लिए मंत्रालय में अपने को पंजीकृत कराया है।

प्रवक्ता ने बताया कि एरबिल से भी कुछ भारतीयों ने इराक के बाहर निकलने का विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को संदेश दिया है। अल कायदा समर्थित सुन्नी उग्रवादियों और इराकी सेना के बीच संघर्ष शुरू होने के समय लगभग 10,000 भारतीय इराक में थे। उग्रवादियों ने इराक के दो महत्वपूर्ण शहरों पर कब्जा कर लिया है और वे वहां की राजधानी बगदाद की ओर बढ़ रहे हैं। पिछले महीने की 10 तारीख से शुरू हुए इस खूनी संघर्ष के चलते लाखों इराकी विस्थापित हो गए हैं।

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news