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कोलकाता : कोलकाता में आसानी से उपलब्ध होने वाला स्वादिष्ट एवं सस्ता स्ट्रीट फूड अब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं रहेगा क्योंकि विशेषज्ञों का एक दल शहर में सड़क किनारे खाद्य पदार्थ बेचने वालों के लिए नया मॉडल तैयार कर रहा है।
यूनाइटेड स्टेट्स-इंडिया एजुकेशनल फाउंडेशन (एसएसआईईएफ) की दो पूर्व छात्राओं ने कोलकाता के विभिन्न इलाकों की 60 स्ट्रीट फूड महिला विक्रेताओं को संगठित करके यह परियोजना तैयार करने का बीड़ा उठाया है।
कलकत्ता विश्वविद्यालय में व्यवसाय प्रबंधन विभाग की प्रमुख शर्मिष्ठा बनर्जी और एसोसिएशन फार सोशल एंड एन्वायरनमेंटल डिवेलपमेंट की सीईओ दिति मुखर्जी ने कहा कि विक्रेता जिस प्रकार से खाद्य पदार्थ बनाते और परोसते हैं, उन तरीकों को बदलने के प्रयास किए जा रहे हैं।
शर्मिष्ठा ने कहा, स्वच्छता का ध्यान रखकर बनाया गया एवं सुरक्षित भोजन अधिक ग्राहकों को आकषिर्त कर सकता है और विक्रेताओं का व्यवसाय भी बढेगा। दिति ने कहा, स्ट्रीट फूड के संदूषण का मुख्य स्रोत पानी है। पानी संचयित करके रखने पर संदूषित हो जाता है इसलिए हम ऐसे आसान तरीकों को बता रहे हैं जिनकी लागत अधिक नहीं होगी लेकिन वे भोजन को स्वच्छ बनाने में मदद करेंगे। उनके (विक्रेताओं) बर्तनों को साफ करने के तरीके में भी गड़बड़ी है। यदि दुकानों के आस पास गंदगी और कूड़ा हो तो खाद्य पदार्थ के संदूषित होने का खतरा बढ जाता है। (एजेंसी)
(एजेंसी)