जनलोकपाल विधेयक मामले में उपराज्‍यपाल ने केंद्र की राय मांगी
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जनलोकपाल विधेयक मामले में उपराज्‍यपाल ने केंद्र की राय मांगी

दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने सोमवार को केंद्र से इस बारे में संवैधानिक स्थिति स्पष्ट करने को कहा कि क्या दिल्ली की आप सरकार पूर्व अनुमति के बिना जन लोकपाल विधेयक पेश कर सकती है। उधर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे पर कायम रहते हुए अपने इस्तीफे की धमकी दी है।

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नई दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने सोमवार को केंद्र से इस बारे में संवैधानिक स्थिति स्पष्ट करने को कहा कि क्या दिल्ली की आप सरकार पूर्व अनुमति के बिना जन लोकपाल विधेयक पेश कर सकती है। उधर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे पर कायम रहते हुए अपने इस्तीफे की धमकी दी है।
केजरीवाल विधेयक को केंद्र सरकार को भेजे बिना विधानसभा में पारित करने पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने आज उपराज्यपाल से मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा की। मुलाकात के बाद उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी विस्तृत बयान में कहा गया कि इस मामले में किसी विवाद से बचने और पूर्ण स्पष्टता प्राप्त करने के लिए जंग ने ‘अंतिम राय’ के लिए इस मुद्दे को कानून मंत्रालय को भेज दिया है।
हालांकि यह बयान मुख्यमंत्री केजरीवाल के दावे के विरोधाभासी है जिन्होंने उपराज्यपाल को लिखे अपने पत्र में इस बात पर जोर दिया कि केंद्र की पूर्व अनुमति की जरूरत नहीं है। बयान में कहा गया है कि जंग ने शुक्रवार को केजरीवाल के पत्र का जवाब दिया था जिसमें इस बात पर जोर दिया गया था कि दिल्ली सरकार के कामकाज से जुड़े नियम 34 के अनुसार इस तरह के किसी विधेयक के मसौदे को मंत्रिपरिषद के समक्ष रखे जाने से पहले उन्हें भेजा जाना चाहिए था जैसा नहीं किया गया। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री के असंवैधानिक आदेश का पालन करने के लिए शपथ नहीं ली है और विधेयक को केंद्र को नहीं भेजेंगे।
उन्होंने कहा कि हम संविधान की रक्षा करेंगे। हमारी आत्मा हमें असंवैधानिक आदेश का पालन करने की इजाजत नहीं देती। केजरीवाल के मुताबिक वह दिल्ली विधानसभा की स्वायत्ता और जनता के लिए संघर्ष करते हुए कोई भी बलिदान देने को तैयार हैं।
उधर, विधानसभा का सत्र किसी स्टेडियम में बुलाने के अपने रूख पर अडिग दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज उप राज्यपाल नजीब जंग की ओर से फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील को खारिज कर दिया और कहा कि अगर दिल्ली पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने में खुद को ‘अक्षम’ महसूस करती है तो मौके पर अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाना चाहिए।
केजरीवाल ने कहा कि यह दिल्ली पुलिस की मुख्य जिम्मेदारी है कि वह सुरक्षा सुनिश्चित करे। उन्होंने सवाल किया कि जब पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी सुरक्षा मुहैया नहीं करा सकते तो उन्हें अपने पद पर बने रहना चाहिए? मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार केजरीवाल ने कहा कि यह दिल्ली पुलिस की मुख्य जिम्मेदारी है कि वह लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और अगर दिल्ली पुलिस आयुक्त ऐसा करने में खुद अक्षम मानते हैं तो क्या उन्हें पद पर रहना चाहिए? जंग ने केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा था कि वह दिल्ली पुलिस की सुरक्षा संबंधी चिंता को देखते हुए विधानसभा का विशेष सत्र इंदिरा गांधी स्टेडियम में नहीं करें। (एजेंसी)

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