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मुजफ्फरनगर : गत वर्ष के मुजफ्फरनगर दंगा मामलों के 800 से अधिक आरोपी अभी गिरफ्तार होने बाकी हैं जबकि उनके खिलाफ अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किये हुए हैं।
विशेष जांच दल के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोज झा ने कहा कि दंगा मामलों में 390 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 75 ने अदालत में आत्मसमर्पण किया जबकि 804 अभी भी फरार हैं।
झा ने कहा कि फरार आरोपियों में सामूहिक बलात्कार और हत्या के आरोपी शामिल हैं। पुलिस ने 24 लोगों के खिलाफ दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार के छह मामले दर्ज किये हैं लेकिन उनमें से केवल दो आरोपी गिरफ्तार किये गए हैं। कुतबा गांव में पुलिस ने 56 में से मात्र तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है जहां एक महिला सहित आठ व्यक्ति मारे गए थे।
सूत्रों ने बताया कि अधिकतर फरार आरोपी दंगा प्रभावित गांवों जैसे लिसध, लांक, बहावड़ी, फुगना मोहदपुर और रायसिंह के हैं जहां से सबसे अधिक लोग हताहत हुए थे। उच्चतम न्यायालय ने कल उत्तर प्रदेश सरकार की यह दलील खारिज कर दी थी कि स्थानीय प्रतिरोध के चलते दंगा आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी हो रही है। न्यायालय ने राज्य सरकार को आरोपियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है। (एजेंसी)