उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों की हड़ताल पर सस्पेंस, राज्य सरकार से कोर्ट ने मांगा जवाब
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उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों की हड़ताल पर सस्पेंस, राज्य सरकार से कोर्ट ने मांगा जवाब

सपा विधायक और जूनियर डॉक्टरों के बीच संघर्ष के बाद पिछले छह दिन से चली आ रही डॉक्टरों की हड़ताल पर सस्पेंस बरकरार है।

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ज़ी मीडिया ब्यूरो
लखनऊ/इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की जारी हड़ताल को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। एक तरफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की तरफ से हड़ताल समाप्त कर दिए जाने की बात कही जा रही है, जबकि दूसरी तरफ चिकित्सकों का कहना है कि उनकी हड़ताल जारी है। राज्य के लगभग सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप हैं। इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से दोपहर दो बजे तक इस विवाद के समाधान को लेकर जवाब मांगा है।
आईएमए की ओर से कहा जा रहा है कि अदालत के आदेश के सम्मान में और राज्य सरकार के आश्वासन के बाद हड़ताल समाप्त करने का फैसला लिया गया है। वहीं, चिकित्सकों का कहना है कि वे कार्रवाई होने के बाद ही काम पर लौटेंगे।
आईएमए की कानपुर इकाई की अध्यक्ष डॉ. आरती लाल चंदानी ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया, "राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री शिव कुनार बेरिया ने मुख्यमंत्री के दूत के तौर पर हमसे बात की। उन्होंने हमारे सभी 24 चिकित्सकों पर दर्ज मामले वापस लेने और पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने का भरोसा दिया है। हम सरकार के आश्वासन से संतुष्ट हैं।"
उधर, हड़ताली चिकित्सकों का कहना है कि सरकार पहले पुलिस अधिकारियों को निलंबित करे, विधायक पर मुकदमा दर्ज करे और 24 चिकित्सकों पर दर्ज मामले वापस ले, तभी हड़ताल समाप्त होगी।
इससे पूर्व बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश में जारी हड़ताल पर बुधवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को कानपुर परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को हटाने के आदेश जारी किए। इसके अलावा जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग को तीन सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। साथ ही चिकित्सकों से हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने को भी कहा। राज्य सरकार ने चिकित्सकों की हड़ताल पर देर शाम एस्मा लगा दिया।
गौरतलब है कि बीते शुक्रवार की शाम कानपुर के अस्पताल के चिकित्सकों का सपा विधायक इरफान सोलंकी से विवाद हो गया था। विधायक और उनके समर्थकों ने चिकित्सकों के साथ मारपीट की। आरोप है कि बाद में विधायक के दबाव में पुलिस ने चिकित्सकों पर लाठीचार्ज किया और 24 चिकित्सकों को जेल में बंद कर दिया। इस घटना के विरोध में कानपुर सहित प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के चिकित्सक हड़ताल पर चले गए। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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