नरेश के जन्मदिन से पहले थाईलैंड में कम हुआ तनाव, पुलिस पीछे हटी
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नरेश के जन्मदिन से पहले थाईलैंड में कम हुआ तनाव, पुलिस पीछे हटी

थाईलैंड की प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को ‘आंशिक जीत’ का दावा किया क्योंकि पुलिस ने उन्हें सरकार के मुख्यालय में घुसने की अनुमति दी। तीन दिन तक चली झड़पों में बाद तनाव में अब कमी नजर आ रही है।

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बैंकाक : थाईलैंड की प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को ‘आंशिक जीत’ का दावा किया क्योंकि पुलिस ने उन्हें सरकार के मुख्यालय में घुसने की अनुमति दी। तीन दिन तक चली झड़पों में बाद तनाव में अब कमी नजर आ रही है।
पुलिस द्वारा अवरोधक हटाने के बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रांगण में प्रवेश किया।
पुलिस ने कहा कि वे गवमेर्ंट हाउस और पुलिस मुख्यालय में घुसने की कोशिश करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अब बल का प्रयोग नहीं करेंगे।
गुरुवार को नरेश भूमिबोल अदुल्यादेज के 86वें जन्मदिन से पहले राजधानी बैंकाक में स्थिति तुलनात्मक रूप से शांत लग रही है। नरेश को थाईलैंड के सभी नागरिक बहुत सम्मान देते हैं और उन्हें देश को जोड़ने वाली हस्ती के तौर पर देखा जाता है।
प्रदर्शनकारियों के उनके जन्मदिन तक प्रदर्शन जारी रखने की संभावना बहुत कम है क्योंकि इस दिन को पारंपरिक रूप से प्रार्थना और उत्सव वाले दिन के तौर पर मनाया जाता है।
प्रदर्शनकारियों के नेता सुथेप थाउग्सुबेन ने हालांकि कहा कि सरकार को उखाड़ने की जंग पूरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘यह आंशिक जीत है लेकिन यह अंतिम नहीं है क्योंकि थाकसिन सरकार अब भी सत्ता में है। आप अभी घर वापस नहीं जा सकते। हमें अपना संघर्ष जारी रखना है।’’
प्रदर्शनकारियों ने यिंगलक की सरकार में उनके भाई और पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा का दबदबा होने का आरोप लगाया है। थाकसिन को वर्ष 2006 में सेना द्वारा अपदस्थ किया गया था और फिलहाल वह निर्वासित जीवन गुजार रहे हैं।
सेना प्रमुख जनरल प्रयुथ चानओचा ने प्रदर्शनकारियों से सांकेतिक प्रदर्शन के बाद गवर्मेंट हाउस छोड़ने का अनुरोध किया। सेना के प्रवक्ता कर्नल विनथाई सुवारी ने कहा कि प्रयुथ स्थिति को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने सभी से कानून का सम्मान करने का अनुरोध किया है।
प्रयुथ ने कहा कि सरकारी इमारतें देश की संपत्ति हैं और प्रदर्शनकारियों को इन्हें नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। यिंगलक ने कल विपक्ष की इस्तीफे की मांग ठुकरा दी थी। उन्होंने कहा था कि वह सत्ता गैरनिर्वाचित ‘पीपुल्स काउंसिल’ को सौंपने की विपक्ष की मांग को संवैधानिक रूप से लागू नहीं कर सकतीं। (एजेंसी)

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