दिल्‍ली गैंगरेप केस: क्‍या जुवेनाइल कानून की आड़ में बच जाएगा नाबालिग आरोपी?
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दिल्‍ली गैंगरेप केस: क्‍या जुवेनाइल कानून की आड़ में बच जाएगा नाबालिग आरोपी?

राजधानी दिल्‍ली में करीब तीन सप्‍ताह पहले पैरा मेडिकल की एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप के मामले में पांच व्‍यस्‍क आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में दिल्‍ली पुलिस की ओर से चार्जशीट दाखिल किए जाने के एक दिन बाद यह सवाल उठने लगा है कि इस मामले में छठे आरोपी जोकि नाबालिग (जुवेनाइल) है, के खिलाफ क्‍या कार्रवाई की जाएगी और क्‍या कदम उठाए जाएंगे।

नई दिल्‍ली : राजधानी दिल्‍ली में करीब तीन सप्‍ताह पहले पैरा मेडिकल की एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप के मामले में पांच व्‍यस्‍क आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में दिल्‍ली पुलिस की ओर से चार्जशीट दाखिल किए जाने के एक दिन बाद यह सवाल उठने लगा है कि इस मामले में छठे आरोपी जोकि नाबालिग (जुवेनाइल) है, के खिलाफ क्‍या कार्रवाई की जाएगी और क्‍या कदम उठाए जाएंगे। मौजूदा जुवेनाइल कानून के अनुसार, नाबालिग होने के नाते छठा आरोपी कड़ी सजा से बच सकता है। वहीं, इस आरोपी को नाबालिग मानने को लेकर लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। कानून के तहत इस आरोपी को सुधार गृह में तीन साल से अधिक नहीं रखा जा सकता है।
स्‍कूल रिकार्ड के अनुसार, यह आरोपी 17 साल 6 महीने का है। गौर हो कि छह लोगों के गैंग में इसी छठे आरोपी ने 16 दिसंबर को गैंगरेप पीडि़ता लड़की के साथ सबसे ज्‍यादा बेरहमी की थी और उस पर जुल्‍म ढाए थे। रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी ड्राइवर राम सिंह के साथ इस छठे आरोपी ने गैंगरेप के दौरान सबसे ज्‍यादा वीभत्‍स कृत्‍य को अंजाम दिया।
परिस्थितियों को देखते हुए जुवेनाइल कानून में पर्याप्‍त संशोधन किए जाने की मांग ने जोर पकड़ ली है। ताकि रेप और मर्डर जैसे जघन्‍य अपराध में यदि कोई नाबालिग शामिल है तो उसे आईपीसी की धाराओं के तहत कड़ी सजा के दायरे में लाया जाना चाहिए।
दिल्‍ली गैंगरेप केस में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में जुवेनाइल के खिलाफ ट्रायल किया जाएगा। वहीं, दिल्ली पुलिस किशोर न्याय बोर्ड में रिपोर्ट दायर करने से पहले सामूहिक बलात्कार मामले में आरोपी नाबालिग लड़के का पता लगाने के लिए हड्डी रिपोर्ट का इंतजार करेगी।
उधर, पीडि़ता के पिता ने कहा है कि नाबालिग आरोपी को महज उम्र के आधार पर आसनी से नहीं छोड़ देना चाहिए। नाबालिग को ही सबसे पहले सजा मिलनी चाहिए। उसे ने मेरी बेटी को बस में चढ़ने के लिए लुभाया और सबसे ज्‍यादा मेरी बेटी के खिलाफ बर्बरता ढाई। उसे अन्‍य पांचों आरोपियों के जैसा फांसी पर लटका देना चाहिए।
वहीं, महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्‍णा तीरथ ने भी इसी तरह की भावना जाहिर करते हुए कहा है कि अपराध की संगीनता को देखते हुए इस नाबालिग आरोपी के मामले में ढिलाई बिल्‍कुल नहीं बरता जाना चाहिए। हालांकि, सरकार के लिए जुवेनाइल कानून में संशोधन करना आसान नहीं होगा।
दिल्ली पुलिस किशोर न्याय बोर्ड में रिपोर्ट दायर करने से पहले सामूहिक बलात्कार मामले में आरोपी नाबालिग लड़के का पता लगाने के लिए हड्डी रिपोर्ट का इंतजार करेगी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि वे बोर्ड को आरेपी की उम्र का पता लगाने के लिए हड्डी घनत्व जांच जल्द से जल्द करने को कहेंगे। सूत्रों ने बताया कि जांच अभी नहीं हुई है और इसे करने के लिए बोर्ड को फिर से आग्रह भेजा गया है। पुलिस ने अदालत में यहां मामले में कथित तौर पर शामिल अन्य पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।
सूत्रों ने कहा कि अगर हड्डी जांच में यह बात साबित होती है कि लड़का नागालिग नहीं है तो पूरक आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर लड़का नाबालिग है तो पुलिस बोर्ड में रिपोर्ट दायर करेगी जिसकी कार्यवाही मामले में शुरू की जाएगी। मामले में गिरफ्तार किये गये छठे आरोपी ने खुद के नाबालिग होने का दावा किया है और उसका मामला किशोर अदालत में चलेगा। उसके नाबालिग होने की पुष्टि के बाद किशोर न्याय बोर्ड को एक अलग पुलिस रिपोर्ट भेजी जाएगी।
यदि इस टेस्ट से सिद्ध होता है कि अभियुक्त नाबालिग नहीं है और उसकी उम्र 18 साल से अधिक है, तो पूरक आरोपपत्र (सप्लीमेंट्री चार्जशीट) दाखिल की जाएगी। परन्तु यदि वह नाबालिग ही साबित होता है तो पुलिस जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में रिपोर्ट दाखिल करेगी, औऱ उसके बाद इस अभियुक्त के विरुद्ध कार्रवाई शुरू होगी। लेकिन विडंबना यह है कि ऐसा होने पर इस सबसे ज़्यादा नृशंस रहे आरोपी को अधिकतम तीन साल की सज़ा दी जा सकेगी, वह भी सुधारगृह में, क्योंकि नाबालिगों पर हत्या का मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।
लोक अभियोजक राजीव मोहन ने बताया कि नाबालिग आरोपी के खिलाफ जल्द ही आरोप पत्र दाखिल होगा। पीड़िता के दोस्त के एक रिश्तेदार जो कि एक वकील हैं, ने संवाददाताओं को बताया कि अगर दिल्ली पुलिस उचित तरीके से मामले को नहीं उठाएगी तो वह दिल्ली हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर करेंगे। दिल्ली पुलिस ने 33 पृष्ठों के इस आरोप पत्र में नाबालिग आरोपी की भूमिका का भी जिक्र किया है।
पुलिस ने कई दस्तावेजों के साथ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सूर्य मलिक ग्रोवर की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। ग्रोवर इस आरोप पत्र पर पांच जनवरी को विचार करेंगे।

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