ONGC (ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन) ने अब एक अहम कदम उठाया है. इसके साथ ही कंपनी की ओर से दो महीने के भीतर ही एक बड़ा करार किया गया है. इसके तहत कंपनी नीलामी के बजाय अनुबंध के जरिये बिक्री को प्राथमिकता दे रही है. आइए जानते हैं इसके बारे में अपडेट...
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Crude Oil Price: सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने मुंबई के अपतटीय क्षेत्रों के कच्चे तेल को हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) को बेचने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. ओएनजीसी ने दो महीने में इस तरह का दूसरा करार किया है. देश की टॉप तेल एवं गैस उत्पादन कंपनी नीलामी के बजाय अनुबंध के जरिये बिक्री को प्राथमिकता दे रही है. ओएनजीसी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उसने मुंबई अपतटीय क्षेत्र से कच्चे तेल की बिक्री के लिए एचपीसीएल के करार किया है. कंपनी ने इस करार का ब्योरा नहीं दिया है.
रिफाइनरी
हालांकि, मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि यह करार एचपीसीएल की मुंबई रिफाइनरी को सालाना 45 लाख टन कच्चे तेल की बिक्री के लिए है. ओएनजीसी ने कहा, ‘‘विपणन की स्वतंत्रता मिलने के बाद मुंबई अपतटीय कच्चे तेल की बिक्री के लिए यह दूसरा करार है.’’ पिछले महीने ओएनजीसी ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) को 40 लाख टन और पांच लाख टन वैकल्पिक कच्चे तेल की सालाना बिक्री के लिए करार किया था.
कच्चा तेल
बीपीसीएल के पास भी कच्चे तेल को पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में बदलने की रिफाइनरी है. ओएनजीसी अरब सागर से अपने क्षेत्रों से सालाना 1.3-1.4 करोड़ टन कच्चे तेल का उत्पादन करती है. पिछले साल जून में सरकार ने 1999 से पहले दिए गए ब्लॉकों से तेल सरकार द्वारा नामित ग्राहकों.. ज्यादातर सरकारी रिफाइनरी कंपनियों को बेचने के नियम को समाप्त कर दिया था.
बाजार मूल्य
पुराने नियम की वजह से ओएनजीसी और ऑयल इंडिया जैसे उत्पादकों को अपने उत्पाद के लिए बेहतर बाजार मूल्य नहीं मिलता था. इस नियम में बदलाव के बाद ओएनजीसी ने पश्चिमी अपतटीय में मुंबई हाई और पन्ना/मुक्ता क्षेत्रों से उत्पादित कच्चे तेल की तिमाही नीलामी शुरू की थी. (इनपुट: भाषा)