दुनिया की पहली डिजिटल रेस में अमेरिका ने मारी बाजी, क्या दूसरी होगी भारत के नाम ?

भारत में नेटीजंस की संख्या जितनी तेजी से बढ़ती जा रही है, उतनी ही तेजी से बढ़ रहा है डिजिटल कंपनियों का व्यवसाय. हाल ही में एक अमेरिकी रिपोर्ट में यह प्रकाशित किया गया है कि भारत 2030 तक डिजिटलाइजेशन की दुनिया में एक नया मुकाम हासिल कर सकता है. यह दौर भारतीय डिजिटल कंपनियों के फलने-फूलने का दौर होगा. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 12, 2019, 05:05 AM IST
    • पहली डिजिटेल रेस में अमेरिकी कंपनियों का रहा बोलबाला
    • दूसरी डिजिटल रेस में भारत पर है सबकी नजर
दुनिया की पहली डिजिटल रेस में अमेरिका ने मारी बाजी, क्या दूसरी होगी भारत के नाम ?

नई दिल्ली: अमेरिका के जीवीजी कैपिटल ने कौन जीतेगा अगला डिजिटल रेस नाम से एक रिपोर्ट प्रकाशित किया जिसमें यह संकेत मिले कि भारत अगले कुछ सालों में तेजी से बढ़ता डिजिटल हब होने वाला है. डिजिटलाइजेशन की दुनिया में भारत अमेरिकी और चीनी कंपनियों को पछाड़ कर आगे निकल सकता है. सरल भाषा में अगर इसको समझें तो भारत में कुछ बड़ी कंपनियों का जल्द ही उदय होने वाला है. अमेजन, टेसेंट और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों के प्रतिस्पर्धा में भारत में कई कंपनियां जल्द ही खड़ी होने वाली हैं. 

इन क्षेत्रों में हैं अपार संभावनाएं

साल 2030 तक भारत में कई अलग-अलग क्षेत्रों में जैसे कि स्वास्थ्य, फूड, रिटेल, रियल एस्टेट, कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, टेलिकॉम और यहां तक की लॉजिस्टिक्स में भी काफी सारी कंपनियां पैर जमाती नजर आ सकती हैं. फिलहाल भारत में कुछ कंपनियां हैं जो बाजार में विशालकाय रूप ले चुकी हैं. एयरटेल, गोदरेज, रिलायंस और डीमार्ट जैसी कंपनियों उनमें से कुछ शक्तिशाली कंपनियां हैं. 

पहली डिजिटेल रेस में अमेरिकी कंपनियों का रहा बोलबाला

रिपोर्ट में भारत में डिजिटल रेस कब-कब हुआ यह भी दर्शाया गया है. दुनिया में पहली डिजिटल रेस 1995 में शुरू हुई थी जिसमें अमेरिका ने बाजी मारी. इस रेस में अमेरिका की छह दिग्गज डिजिटल कंपनियों समेत आठ बड़ी डिजिटल कंपनी उठ खड़ी हुई.

अमेजन, फेसबुक, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एपल और नेटफ्लिक्स इन सारी कंपनियों ने वैश्विक बाजार में अपनी जबरदस्त पैठ बना ली. चीन की अलीबाबा और टेंसेंट ने भी काफी नाम कमाया और पैसे भी खूब बनाए. दुनिया की टॉप-10 वैल्यूएबल कंपनियों में से सात तो यहीं कंपनियां तो यहीं हैं. 

दूसरी डिजिटल रेस में भारत पर है सबकी नजर

माना जा रहा है कि 2020 से दूसरी डिजिटल रेस की शुरुआत हो जाएगी. भारत समेत दुनिया के विकसित और तेजी से विकास कर रहे तकरीबन 15 देश लगभग 40 नई डिजिटल कंपनियों के लिए रास्ते तलाश रहे हैं. इन कंपनियों के सामने प्रतिस्पर्धा तो रहेगी ही, लेकिन इनका बाजार भी व्यापक होगा. कंपनियों को तेजी से विकास करने का मौका भी खूब मिल सकता है. 

मालूम हो कि अमेरिका की जीवीजी कैपिटल की ओर से प्रकाशित इस रिपोर्ट "कौन जीतेगा अगली डिजिटल रेस" में तकरीबन 100 देशों की 5000 से भी अधिक कंपनियों पर यह शोध किया गया था. इस रिपोर्ट से इतना तो अंदाजा हो गया है कि भारत डिजिटलाइजेशन की ओर बहुत तेजी से अपने पैर पसार रहा है. इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक ही होगा. 

 

 

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