श्रीनगर: वर्षों से मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे जम्मू कश्मीर में नया सवेरा आया है. 370 की बेड़ियां खत्म होने के बाद से केंद्र की मोदी सरकार वहां नई नई योजनाएं लागू करके विकास की नई इबारत लिखने की कोशिश कर रही है. मोदी सरकार ने बड़ा निर्णय करते हुए जम्मू कश्मीर में स्थानीय लोगों के लिए शत प्रतिशत आरक्षण लगाने का फैसला किया है.
जम्मू के मूल निवासियों को मिलेगा 100 प्रतिशत आरक्षण
मोदी सरकार ने शुक्रवार रात को अपने दो दिन पुराने आदेश में बदलाव किया है. इसके मुताबिक जम्मू कश्मीर में सारी नौकरियों को केंद्र शासित क्षेत्र के मूल निवासियों (डोमिसाइल) के लिए आरक्षित कर दिया गया है जो राज्य में कम से कम 15 साल रहे हैं. बुधवार को डोमिसाइल के लिए नियम तय करते हुए सरकार ने केवल समूह चार तक के लिए नौकरियां आरक्षित की थीं.
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कई राजनीतिक दल कर रहे थे ये मांग
स्थानीय राजनीतिक दलों की तीखी प्रतिक्रिया के बाद जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (राज्य कानूनों का अनुकूलन) आदेश-2020 लाते हुए केंद्रशासित प्रदेश के डोमिसाइल के लिए नौकरियां आरक्षित कर दी गई हैं.
बता दें कि संशोधित अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के तहत किसी भी पद पर नियुक्ति के उद्देश्य के लिए उपयुक्त शर्तें पूरी करने वाला कोई भी व्यक्ति केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का डोमिसाइल होगा.’’
5 अगस्त को हटा दी गई थी 370
आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया है. 5 अगस्त को राष्ट्रपति के अध्यादेश के माध्यम से जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था जिसे संसद भी मंजूरी दे चुकी है. अमित शाह के शानदार राजनीतिक कौशल के दम पर जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था. अब जम्मू कश्मीर में दिल्ली की तरह विधानसभा होगी और लद्दाख बिना विधानसभा वाला प्रदेश होगा.
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