एम्स ने एक और दवा से किया कोरोना इलाज का दावा, क्लीनिकल ट्रायल में तीन हुए ठीक

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences यानी AIIMS) भोपाल का कहना है कि कोरोना के इलाज में माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू (Mycobacterium W यानी Mw) दवा के नतीजे भी बेहतर आए हैं. जानकारी के मुताबिक बीते कुछ दिनों से एम्स भोपाल में इस दवा का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 16, 2020, 05:13 PM IST
    • कोरोना के इलाज में माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू (Mycobacterium W यानी Mw) दवा के नतीजे भी बेहतर आए हैंः एम्स भोपाल
    • AIIMS भोपाल के निदेशक प्रो. सरमन सिंह ने शनिवार को बताया कि अब तक तीन मरीज इस क्लिनिकल ट्रायल में ठीक हो चुके हैं.
एम्स ने एक और दवा से किया कोरोना इलाज का दावा, क्लीनिकल ट्रायल में तीन हुए ठीक

भोपालः कोरोना के इलाज को लेकर अभी तक कोई पुख्ता दवा, फॉर्मूला या वैक्सीन सामने नहीं आई है. इस वक्त डॉक्टर लक्षणों के आधार पर इलाज कर रहे हैं. ऐेसें में कुछ दवाएं सामने आई हैं, जिनके जरिए इलाज का दावा किया जा रहा है और इसके अच्छे परिणाम मिले हैं. इसी तरह एम्स भोपाल ने भी एक दवा पर दांव खेला है. एम्स का कहना है कि कोरोना के इलाज में माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू (Mycobacterium W यानी Mw) दवा के नतीजे भी बेहतर आए हैं. 

चल रहा है क्लीनिक ट्रायल
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences यानी AIIMS) भोपाल का कहना है कि कोरोना के इलाज में माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू (Mycobacterium W यानी Mw) दवा के नतीजे भी बेहतर आए हैं. जानकारी के मुताबिक बीते कुछ दिनों से एम्स भोपाल में इस दवा का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है.

AIIMS भोपाल के निदेशक प्रो. सरमन सिंह ने शनिवार को बताया कि अब तक तीन मरीज इस क्लिनिकल ट्रायल में ठीक हो चुके हैं.

चार मरीजों का किया गया था पंजीकरण, तीन हो गए ठीक

प्रो. सिंह ने कहा कि हम भोपाल के एम्स में कोरोना मरीजों के इलाज में बीते कुछ दिनों से माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू का क्लिनिकल परीक्षण कर रहे हैं. कोरोना मरीजों के इलाज में माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू दवा के प्रयोग के अच्छे नतीजे आए हैं. उनका कहना है कि इस दवा के क्लिनिकल ट्रायल के लिए अब तक चार कोरोना संक्रमित मरीजों का पंजीकरण किया गया था जिनमें से तीन पूरी तरह से स्वस्थ हो गए हैं. ठीक हो चुके तीनों मरीजों को अब अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.

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एक और दवा की परख की जाएगी
प्रो. सिंह (Dr Sarman Singh) ने बताया कि जल्‍द ही फेवीपिराविर (Favipiravir) दवा भी कोरोना मरीजों के इलाज में परखी जाएगी. कोरोना मरीजों पर इस दवा का प्रयोग जापान में किया जा रहा है. उन्‍होंने बताया कि एक वक्‍त था जब Mycobacterium W एक वैक्सीन मानी जाती थी लेकिन अब दवा कही जाती है. हम इसका क्लिनिकल ट्रायल कर रहे हैं. यदि क्लिनिकल ट्रायल में यह कारगर साबित होती है तो कोरोना संक्रमण के इलाज में यह दवा बन जाएगी.

कुष्ठ रोग में होती है इस्तेमाल
माइकोबैक्टीरियम डब्ल्यू का इस्तेमाल कुष्ठ रोग में किया जाता है. ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया से वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद को इस दवा के क्लिनिकल ट्रायल को मंजूरी मिली थी. इस मंजूरी के बाद एम्स भोपाल सहित देश के तीन अस्पतालों में इस दवा का क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है. यह दवा मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है.  

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