नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने आज लद्दाख का दौरा किया. ये दौरा बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से भारत और चीन के बीच सीमा अतिक्रमण के विषय में तनाव चल रहा है.
कुछ दिन पहले बढ़ गया था विवाद
आपको बता दें कि चीनी सेना और भारतीय सेना के बीच सिक्किम सीमा और लद्दाख में कुछ दिन पहले झड़प हुई थी. इसमें दोनों पक्षों को चोटों आई थीं. इसके बाद चीन ने लद्दाख के पैंगोंग सो झील में पेट्रोलिंग बोटों की संख्या बढ़ा दी. यह असामान्य घटना थी. इसके बाद भारत ने भी इस इलाके में सैनिकों की संख्या बढ़ा दी.
विदित हो कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि लाइन एक्चुअल कंट्रोल के पास भारतीय सैनिकों को गश्त करने में चीनी सैनिक बाधा उत्पन्न कर रहे हैं.
Army chief visits Ladakh to review LAC situation
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— ANI Digital (@ani_digital) May 23, 2020
क्यों बढ़ा तनाव
सिक्किम सीमा पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प, पैंगोंग झील पर तनाव और हाल में नेपाल की बॉर्डर मैप पर प्रतिक्रिया ने भारत को नाराज किया है. आर्मी चीफ नरवणे की नेपाल की प्रतिक्रिया पर यह बयान कि इसमें किसी तीसरी ताकत का हाथ है, सबकुछ साफ कर देता है.
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बहुत अहम है ये यात्रा
उल्लेखनीय है कि सेना प्रमुख की ये यात्रा बहुत अहम साबित होने जा रही है. बता दें कि आर्मी चीफ नरवणे ने कश्मीर में घुसपैठ की बढ़ती घटनाओं और सीमा पर पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी को देखते हुए पिछले महीने वहां का दौरा किया था. कश्मीर दौरे के बाद सेना चीफ ने कहा था कि पाकिस्तान को हर मोर्चे पर करारा जवाब दिया जाएगा.
भारत की ओर से कोई हरकत नहीं की गई
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीमा पर भारत की सभी गतिविधियां भारतीय क्षेत्र की ओर ही होती रही हैं और नई दिल्ली ने सीमा प्रबंधन की दिशा में हमेशा अत्यंत जिम्मेदार रवैया अपनाया है. भारतीय सैनिकों ने किसी भी प्रकार कोई ऐसी हरकत नहीं की जिससे दोनों देशों के रिश्तों पर कोई प्रतिकूल असर पड़ता हो. मंत्रालय ने इसके साथ ही कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.