चीन जैसे शत्रुओं से निपटने के लिये भारत आये अपाचे और चिनूक

भारत की सीमा पर बुरी नजर रखने वाले चोरों के लिये भारत के पहरेदारों के पास नये हथियार आ गये हैं.  बोइंग ने भारत को 22 अपाचे और 15 चिनूक हेलीकाप्टर्स डिलीवर कर दिये हैं..  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 11, 2020, 08:48 AM IST
    • बोइंग कंपनी ने की डिलीवरी अपाचे और चिनूक की
    • अपाचे सबसे उन्नत बहुद्देश्यीय लड़ाकू चॉपर्स में से एक है
    • चिनूक एक बहुद्देश्यीय वर्टिकल लिफ्ट चॉपर है
चीन जैसे शत्रुओं से निपटने के लिये भारत आये अपाचे और चिनूक

नई दिल्ली.   एक तरफ चीन के साथ सीमा पर माहौल गर्म है दूसरी तरफ भारत चीन के चोर चरित्र के प्रति पूरी तरह सावधान है. इसी सावधानी को मजबूती देते हुए भारतीय वायुसेना ने अपनी मजबूती को और जबर्दस्त कर लिया है.

 

अधिकारियों ने दी जानकारी

भारतीय वायुसेना के अधिकारियों से मिली इस जानकारी के मुताबिक अमेरिका की प्रमुख एयरोस्पेस पनी बोइंग ने 22 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में से बचे हुए आखिरी पांच हेलीकाप्टर्स भी भारतीय वायुसेना को सौंप दिए हैं. इसके बाद अब भारत की सीमा पर अर्थात वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ये पूरी फ्लीट तैनात हो गई है और सीमा के पास के प्रमुख हवाई ठिकानों पर तैनात विमानों एवं हेलीकाप्टरों के जखीरों का हिस्सा बन गई है.

भारतीय सशस्त्र बल हुआ और सशक्त

सभी 22 अपाचे और 15 चिनूक सैन्य हेलीकाप्टरों की भारतीय वायुसेना को आपूर्ति पूरी करने के बाद बोइंग कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार कंपनी भारतीय सशस्त्र बलों के संचालन की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रतिबद्ध है. 

अपाचे और चिनूक हैं बेजोड़

 एएच-64ई अपाचे की बात करें तो ये हेलीकाप्टर्स दुनिया के सबसे उन्नत बहुद्देश्यीय लड़ाकू चॉपर्स में से एक हैं जो कि अमेरिकी सेना का अनिवार्य हिस्सा हैं. इसी तरह चिनूक एक बहुद्देश्यीय वर्टिकल लिफ्ट चॉपर है जिसको खास तौर पर सैनिकों, तोपखानों, उपकरणों और ईंधन को लाने-लेजाने के लिये उपयोग में लाया जाता है.

कई अरब डॉलर्स का था अनुबंध

पांच वर्ष पहले 2015 में भारतीय वायुसेना के लिए 22 अपाचे हेलीकाप्टर और 15 चिनूक हेलीकाप्टरों को खरीदने के लिये अमेरिकन कंपनी बोइंग के साथ कई अरब डॉलर का अनुबंध पक्का किया था. इसी तरह भारतीय वायुसेना की जरूतर के मद्देनजर छह अपाचे हेलीकाप्टरों की खरीद का अनुबंध को पिछले वर्ष 2019 में ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के समय अंतिम रूप दिया गया था.

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