भारत की कोरोना वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल में साइड इफेक्ट नहीं

भारत की नव-निर्मित कोरोना वैक्‍सीन पर ये अच्छी खबर है कि भारत की इस देसी वैक्सीन के मानव परीक्षण पर शुरुआती ट्रायल में कोई साइड इफेक्‍ट सामने नहीं आया..  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 17, 2020, 08:06 PM IST
    • फर्स्ट फेज़ के ह्यूमन ट्रायल में साइड इफेक्ट नहीं
    • तीन वालंटियर्स पर हुआ परीक्षण
    • चौदहवें दिन दी जायेगी दूसरी डोज़
    • 14 रिसर्च इंस्टीट्यूट्स में हो रहा है ट्रायल
भारत की कोरोना वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल में साइड इफेक्ट नहीं

नई दिल्ली.  देसी कोरोना वैक्‍सीन Covaxin पर काम पूरी रफ़्तार से चल रहा है. अंतिम दौर है भारत की इस कोरोना दवा का. इसके मानवीय-परीक्षण का फर्स्ट फेज़  चल रहा है. और फर्स्ट फेज़ के इस प्रथम दौर के उपरान्त अब शुभ समाचार ये है कि आज शुक्रवार सत्रह जुलाई को हरियाणा में रोहतक के पीजीआई में वॉलंटियर्स के पहले ग्रुप को Covaxin की पहली डोज देने के बाद कोई भी साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है. 

 

तीन वालंटियर्स पर हुआ परीक्षण 

इस बारे में जानकारी देते हुए हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि तीनों वालंटियर्स के शरीर में वैक्‍सीन की स्वीकार्यता देखी गई है. इन तीनों के शरीर पर किसी तरह का साइड इफेक्‍ट सामने नहीं आया है. अभी फेज़ वन ट्रायल चल रहा है जिसमें 18 से 55 वर्ष की आयु वाले स्‍वस्‍थ वालंटियर्स को वैक्सीन की दो दो डोज़ दी जायेंगी.

चौदहवें दिन दी जायेगी दूसरी डोज़

फर्स्ट फेज़ की पहली डोज़ दी जा चुकी है अब दूसरी डोज 14वें दिन दी जानी है. कुल एक हजार एक सौ पच्चीस वॉलंटिअर्स पर यह अध्ययन किया जाना है. इन में से तीन सौ पिचहत्तर वालंटियर्स फर्स्ट फेज़ में सम्मिलित हैं और सात सौ पचास दूसरे फेज में सम्मिलित होंगे. इस टेस्ट के बीच में 4:1 का अनुपात रहेगा. इसको ऐसे समझ लें कि यदि  4 मरीजों को वैक्‍सीन दी जाएगी तो एक को सिर्फ देने का नाटक किया जाएगा - जिसे मनोविज्ञान की भाषा में प्लेसबो कहा जाता है. 

14 रिसर्च इंस्टीट्यूट्स में हो रहा है ट्रायल

भारत की इस देसी कोरोना वैक्‍सीन का ट्रायल देश के अलग-अलग शहरों में स्थित 14 रिसर्च इंस्‍टीट्यूट्स में चल रहा है जिनमें दिल्ली, रोहतक, हैदराबाद, विशाखापट्नम, पटना, कानपुर, गोरखपुर, भुवनेश्वर, चेन्नई और गोवा सम्मिलित हैं. चार दिन पहले पटना एम्स से ट्रायल शुरू हो चुका है. ट्रायल का फर्स्ट फेज  'सेफ्टी एंड स्‍क्रीनिंग' का फेज़ है.  

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