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Bulldozer Color Story: इन दिनों देश में बुलडोज़र पर सियासी बाजार काफी गर्म है. पहले यूपी के में बाबा बुलडोज़र फिर मध्यप्रदेश और दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा में बुलडोज़र एक्शन हुआ. जहांगीरपुरी का मामला तो सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा. गुरुवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने गुजरात में जेसीबी फैक्ट्री का दौरा किया. लेकिन इन सब खबरों के बीच कभी आपको पता है कि जेसीबी और बुलडोज़र का रंग पहले सफेद और लाल हुआ करता था. बाद में इसे पीला कर दिया गया. आइए बताते हैं क्यों?
हमारी सहयोगी वेबसाइट डीएनए हिंदी में छपी एक खबर के मुताबिक, जेसीबी और बुलडोज़र का इस्तेमाल कंस्ट्रक्शन (Construction) और डिस्ट्रक्शन (Destruction) के लिए होता है. शुरुआती दिनों में जेसीबी मशीन का रंग सफेद और लाल होता था. कुछ साल बाद जेसीबी के रंग में बदलाव कर दिया गया. बदलाव की जरूरत तब महसूस हुई जब इसका इस्तेमाल व्यापक स्तर पर होने लगा. तब जेसीबी कंपनी को लगा अब इसके रंग में बदलाव की जरूरत है.
दरअसल, जब कंस्ट्रक्शन साइट्स पर जेसीबी मशीन से काम चलता था तब दूर से मशीन दिखाई नहीं देती थी. रात में भी इन मशीनों को दूर से नहीं देखा जा सकता था. लेकिन बाद में जेसीबी मशीन का रंग पीला कर दिया जिसके चलते जेसीबी मशीन को दूर देखा जाने लगा. चाहे रात में या दिन में इसे दूर से देख पाना आसान हो जाता है. पीले रंग के चलते लोग दूर से समझ सकते है कि वहां मशीन खड़ी है, वहां खुदाई या दूसरा निर्णाम काम चल रहा है.
जेसीबी एक ब्रिटिश मैन्युफैक्चरर कंपनी है. यह कंपनी कृषि, निर्माण और डिस्ट्रक्शन से जुड़े क्षेत्रों के लिए प्रोडक्शन करती है. इसकी स्थापना 1945 में हुई थी. कंपनी का हेड ऑफिस इग्लैंड के स्टैफर्डशायर के रोसेस्टर क्षेत्र में हैं. अब दुनियाभर के कई देशों में इसके मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स हैं. भारत में भी इसका निर्माण होता है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि जेसीबी कंपनी का नाम है न कि मशीन का. इस मशीन का नाम Backhoe Loader है. जेसीबी नाम इसके फाउंडर के नाम पर पड़ा है. जेसीबी का नाम कंपनी के फाउंडर जोसेफ सिरिल बामफोर्ड के नाम पर पड़ा है. उनके नाम का शॉर्ट नेम JCB बन गया. भारत में इसी नाम से इस मशीन को जाना जाता है.
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