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Gay Love Marriage: कोई भी प्यार करने वाला शख्स अपने पार्टनर के अच्छे और बुरे पलों में साथ रहना चाहता है. इसी वजह से कपल एक दूसरे से चिपके रहते हैं. सौगात और मयंक पहले एक अच्छे दोस्त बने लेकिन बाद में दोनों को एक-दूसरे से प्यार होने पर गे कपल बन गए. शायद यही वजह है कि दोस्ती से लवर बने और फिर शादी के बाद अब दो बच्चों के पिता बन गए हैं. उनका सफर बेहद ही इंटरेस्टिंग रहा है. ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे से बात करते हुए मयंक ने कहा कि जब वे पहली बार डेटिंग ऐप पर मिले तो यह सब सिर्फ एक सपने की तरह लग रहा था. लेकिन जैसा कि कहा जाता है, प्यार में सब जायज है. यह मयंक और सौगात की बेहतरीन लव स्टोरी है.
कुछ ऐसे शुरु हुई सौगात और मयंक की लव स्टोरी
कहानी में बताया गया, "सौगात और मैं दोस्त से प्रेमी बन गए हैं लेकिन 'पिता' टैग एक अलग गेंद का खेल था. जब मैं अब इसके बारे में सोचता हूं कि 10 साल पहले तक यह एक सपने की तरह मालूम पड़ता था. हम 2010 में एक डेटिंग ऐप पर मिले थे. तब 'गे' होने के बारे में बात नहीं की जाती थी. हमने 'इट्स ए फेज' पर लॉग इन किया, लेकिन उस ऐप पर हम खुद हो सकते थे. मैं मजाक नहीं कर रहा हूं, हम सब उस पर थे! ख़ैर, वहीं मेरी मुलाकात सौगात से हुई थी. मुझे वह पसंद आया, मेरी तरह, वह भी एक छोटे शहर से था, करियर के प्रति लगाव और अपने परिवार के करीब था!'
मयंक 24 साल का था जब उसने सौगात के साथ रहने का फैसला किया. वे सब कुछ एक साथ करने लगे - पार्टी करना, खरीदारी करना और खाना बनाना. इस दौरान जब सौगात के पिता को ब्रेन स्ट्रोक हुआ तो मयंक ने अपने पार्टनर का साथ नहीं छोड़ा.
पोस्ट में मयंक ने कही ये चीजें
पोस्ट में मयंक ने बताया, “एक महीने के टेक्स्टिंग के बाद मेरा ऑफिस उनके घर के पास एक बिल्डिंग में ट्रांसफर हो गया. हम एक घर को ढूंढने में लग गए. कुछ भी काम नहीं आया तो सौगात ने सुझाव दिया कि मैं उसके साथ चलूं. मैं नर्वस था-हम एक-दूसरे को पसंद करते थे लेकिन हमने कभी कबूल नहीं किया था. हमारे दिमाग में बहुत कुछ था-अनुच्छेद 377, माता-पिता की अस्वीकृति, और समाज की अस्वीकृति... फिर भी, मैं अंदर चला गया. मैं 24 साल का था. किराने की खरीदारी, खाना बनाना, या पार्टी करना ... हमने सब कुछ किया! जैसे एक महीने बाद सौगात के पिताजी को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था. मैंने उसका साथ नहीं छोड़ा!”
पांच साल एक-दूसरे को जानने और प्यार करने के बाद आखिरकार उन्होंने अगला बड़ा कदम उठाया, जो संबंधित परिवारों को बताना था. मंयक ने कहा, "हम प्यार में थे. एक महीने के भीतर, सौगात ने प्रपोज कर दिया! यह तेज था लेकिन मुझे पता था कि मुझे मेरा 'हमेशा के लिए रूममेट' मिल गया है! अगले 5 साल बीत गए और फिर, हमारे परिवारों को बताना था! हम अपनी बहनों को सबसे पहले बताया. वे सुपर कूल थीं लेकिन हमारे माता-पिता को समझने में एक साल लग गया!"
मयंक ने कहा, "हालांकि, सबसे बड़ा फैसला अभी आना बाकी था. उस दिन, ऐसा लगा जैसे हमारा प्यार जीत गय और 2020 में, हमने अपने जीवन का सबसे बड़ा फैसला किया- पिता बनने का! सरोगेसी सबसे सुरक्षित विकल्प था और हमने यही किया."
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