छत पर मजे से कॉफी पी रही थी लड़की, अचानक आसमान से गिरा उल्कापिंड! जानें फिर क्या हुआ
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छत पर मजे से कॉफी पी रही थी लड़की, अचानक आसमान से गिरा उल्कापिंड! जानें फिर क्या हुआ

Meteorite From Sky: महिला की शरीर पर एक रहस्यमयी कंकड़ गिरा. महिला ने दावा करते हुए कहा, "मैंने हमारे बगल की छत से एक बड़ी 'बूम' की आवाज सुनी. उसके बाद दूसरे पल में, मुझे झटका महसूस हुआ."

 

सांकेतिक तस्वीर

Meteorite Fell From The Sky: एक बेहद ही दुर्लभ खगोलीय घटना में, एक फ्रांसीसी महिला अपने दोस्त के साथ छत पर कॉफी पीते समय उल्कापिंड की चपेट में आ गई. फ्रांसीसी अखबार लेस डेर्निएरेस नोवेल्स डी अलसैस (डीएनए) के मुताबिक, महिला की शरीर पर एक रहस्यमयी कंकड़ गिरा. महिला ने दावा करते हुए कहा, "मैंने हमारे बगल की छत से एक बड़ी 'बूम' की आवाज सुनी. उसके बाद दूसरे पल में, मुझे झटका महसूस हुआ. मुझे लगा कि यह कोई जानवर है, जैसे चमगादड़!" महिला ने आगे बताया कि हमने सोचा कि यह सीमेंट का एक टुकड़ा था, जिसे हम रिज टाइल्स पर लगाते हैं. लेकिन इसमें रंग नहीं था."

लड़की को समझ नहीं आया कि आखिर वह क्या है

लड़की ने कहा, "यह समझने के लिए कि क्या चीज उस पर आकर गिरी, उसने एक स्थानीय छत बनाने वाले से उस चट्टान के हिस्से की जांच कराई, जिसने इसे उल्कापिंड होने का सुझाव दिया." इसके बाद, उन्होंने भूविज्ञानी डॉ. थिएरी रेबमैन से चट्टान की जांच कराई, जिन्होंने इसकी एक्स्ट्रा-टेरेस्ट्रायल ओरिजन (Extra-Terrestrial Origins) की पुष्टि की. स्थानीय अखबार को रेबमैन के हवाले से बताया गया कि ऐसा प्रतीत होता है कि चट्टान में लोहे और सिलिकॉन का मिश्रण है और यह उल्कापिंड हो सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उल्कापिंड के जो टुकड़े बरामद किए गए हैं उनका वजन 100 ग्राम से अधिक है.

देखकर वैज्ञानिक भी रह गए दंग

भूविज्ञानी डॉ. थिएरी रेबमैन ने कहा कि ऐसी वस्तुओं से लोगों के टकराने की घटना बेहद दुर्लभ है. उल्कापिंड अंतरिक्ष चट्टानें हैं जो पृथ्वी के वायुमंडल के माध्यम से अपनी यात्रा में जीवित रहते हैं और जमीन से टकराते हैं. ये ऑब्जेक्ट्स, जिन्हें अंतरिक्ष में होने पर उल्कापिंड के रूप में जाना जाता है; जिसका आकार धूल के कणों से लेकर छोटे एस्टोरॉयड्स तक होता है. नासा के अनुसार, हर दिन लगभग 50 टन उल्कापिंड मैटेरियल पृथ्वी पर गिरने का अनुमान है. रेबमैन ने कहा, "हमारे समशीतोष्ण वातावरण में, उन्हें ढूंढना बहुत दुर्लभ है. वे अन्य एलिमेंट्स के साथ मिल-जुल जाते हैं. दूसरी ओर, रेगिस्तानी में, हम उन्हें अधिक आसानी से पा सकते हैं."

बताते चले कि उल्कापिंड के सीधे किसी व्यक्ति से टकराने का पहला पुष्ट मामला 1954 में अमेरिका में हुआ था, जहां एक महिला 3.6 किलोग्राम के पत्थर वाले उल्कापिंड की चपेट में आ गई थी, जो उसकी छत से टकराकर गिर गया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी.

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