अभी तक आपने जमीन पर चलने वाला भालू (Bear) तो देखा होगा लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं पानी में रहने वाले भालू के बारे में. हम आपको इससे जुड़े ऐसे रोचक तथ्य बताएंगे कि आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे.
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नई दिल्ली: देश-विदेश में कई अजब-गजब जानवर पाए जाते हैं, जिनके बारे में जानकर आम लोग हैरान रह जाते हैं. अभी तक आपने जमीन पर चलने वाला भालू (Bear) तो देखा होगा लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं पानी में रहने वाले भालू के बारे में. हैरान रह गए न आप? यह तो कुछ भी नहीं है, अभी हम आपको इससे जुड़े ऐसे रोचक तथ्य बताएंगे कि आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे.
क्या है पानी वाला भालू
अभी तक हमने जमीन पर रहने और चलने वाले भालू तो बहुत देखे-सुने हैं लेकिन हमारी प्रकृति में 'पानी वाला भालू' भी पाया जाता है. यह भालू पानी में रहता है और किसी भी तरह के वातावरण में खुद को ढाल लेता है. इसकी जीने की इच्छा इतनी प्रबल है कि कहीं भयंकर ठंड पड़ रही हो, बर्फ गिर रही हो, सूखा पड़ गया हो या सूरज की सीधी किरणें पड़ रही हों, यह हर हाल में खुद को जीवित रख लेता है. इसे टार्डिग्रेड (Tardigrade) के नाम से भी जाना जाता है. इसे आम भाषा में वॉटर बियर (Water Bear) या पानी वाला भालू कहा जाता है. यह आमतौर पर दलदल में रहता है.
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आपदा में जी सकता है यह भालू
शोधकर्ताओं ने टार्डिग्रेड की दो प्रजातियों का डीएनए डिकोड (DNA Decode) कर उन जीन (Gene) का पता लगाया, जिनकी बदौलत वह खतरनाक सूखे के बाद भी अपनी जान बचाए रखता है और फिर दोबारा जिंदा हो उठता है. यह अध्ययन पीएलओएस बायोलॉजी (PLOS Biology) नाम के जर्नल में छपा है. यह बड़ी से बड़ी आपदा में भी जिंदा रह सकता है. शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि उनकी इस असाधारण काबिलियत की वजह जेनेटिक (Genetic) है. सूखे की स्थिति में टार्डिग्रेड के कुछ ऐसे जीन सक्रिय हो जाते हैं, जो उनकी कोशिकाओं में पानी की जगह ले लेते हैं. फिर वे इसी तरह रहते हैं और कुछ महीनों या सालों बाद जब दोबारा पानी उपलब्ध होता है तो अपनी कोशिकाओं को वो दोबारा पानी से भर लेते हैं.
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कैसा है आकार
पानी वाले भालू को उनके निराले आकार के लिए जाना जाता है. इनके आठ मोटे-मोटे पांव और जबड़े होते हैं. टार्डिग्रेड्स (Tardigrades) में सिर और पूंछ के विकास को नियंत्रित करने वाले एचओएक्स जीन (HOX Gene) की संख्या सिर्फ पांच होती है, जो कृमियों जैसा है. लेकिन इनके आकार की वजह से इन्हें जानवर की श्रेणी में रखा जाता है.