Couple: बताया जाता है कि ऐसे जिन लोगों की शादी कराई जाती है उनके पास पैसे नहीं होते कि वे अपनी शादी कर लें. वे शादी समारोह का खर्च उठा नहीं सकते हैं ऐसे में इन लोगों में लिव इन रिलेशनशिप में रहने की परंपरा है.
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Mass Wedding: आपने सामूहिक विवाह का नाम जरूर सुना होगा. इसमें यह होता है कि बहुत सारे कपल एक साथ शादी समारोह में शामिल होते हैं और वह एक-दूसरे को वरमाला पहनाते हैं. इनकी संख्या सौ, दो सौ या एक हजार भी हो सकती है. इसी कड़ी में झारखंड से एक ऐसा नजारा सामने आया है जहां 501 कपल ने लंबे समय रिलेशनशिप में रहने के बाद शादी की है. इनकी शादी के दौरान केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी मौजूद नजर आए हैं.
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना झारखंड के खूंटी जिले की है. यहां के आदिवासी इलाके में यह सामूहिक विवाह कार्यक्रम कराया गया है. इन जनजातीय इलाकों में ऐसी तमा जोड़ियां एक साथ काफी समय गुजारने के बाद भी अपने रिश्ते को शादी का नाम नहीं दे पाती हैं. ढुकु परंपरा के पीछे की सबसे बड़ी वजह आर्थिक मजबूरी है. बताया गया कि यहां रविवार को वृष्टि ग्रीन फार्मर्स तोरपा रोड खूंटी के द्वारा सामूहिक विवाह कार्यक्रम किया गया है.
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान सरना धर्म के 203 जोड़े, ईसाई धर्म के 100 जोड़े और हिंदू धर्म के 198 जोड़े शादी के बंधन में बंधे. सभी का उनके धर्म के अनुसार सामूहिक विवाह संपन्न कराया. इसके बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, उनकी पत्नी मीरा मुंडा, तोरपा विधायक कोचे मुंडा और अन्य ने आशीर्वाद देकर सामूहिक विवाह कार्यक्रम को संपन्न कराया.
जानकारी के मुताबिक शादी के बाद नए जोड़ों को सामाजिक रूप से रहने का अधिकार प्राप्त होगा. सभी जोड़ों का रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्ट्रेशन कराकर उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाएगा, ताकि उनके वैवाहिक जीवन को मजबूती मिल सके. ऐसी ज्यादातर जोड़ियों की कई संतानें भी हैं, लेकिन समाज की मान्य प्रथाओं के अनुसार शादी नहीं होने की वजह से इनको जमीन-जायदाद पर अधिकार नहीं मिल पाता. लेकिन शादी के बाद यह संभव हो जाता है.