Advertisement
trendingPhotos1032026
photoDetails1hindi

OMG: नदी है या कांच! क्या आपने देखी है इतनी साफ River? भारत में यहां पर है मौजूद

Umngot River of Meghalaya: पिछले दिनों छठ महोत्वस के अवसर पर देश की राजधानी दिल्ली से यमुना नदी की एक फोटो सामने आई थी. इस फोटो में यमुना नदी की गंदगी के बीच खड़े होकर महिलाएं पूजा करती दिखाई दी थीं. इसके बाद सोशल मीडिया पर केजरीवाल सरकार की जमकर फजीहत हुई थी. इसके अलावा गंगा नदी की सफाई को लेकर भी देश में जमकर राजनीति होती रहती है. दूसरी तरफ आज हम आपको भारत में बहने वाली एक ऐसी नदी (Crystal Clear River) के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके पानी को देखकर आप चौंक जाएंगे. आपको लगेगा कि यह नदी नहीं बल्कि कांच है.

नदी के ऊपर हवा में तैरती दिखती है नाव

1/5
नदी के ऊपर हवा में तैरती दिखती है नाव

इस नदी (Crystal Clear Umngot River) का पानी इतना ज्यादा साफ है कि इसमें चलने वाली नाव हवा में तैरती प्रतीत होती है. इस नदी की तस्वीर देखकर आप हैरान रह जाएंगे. तस्वीरों में आप देख सकेंगे कि नदी की तलहटी में पाए जाने वाले पत्थर एकदम साफ दिखाई दे रहे हैं. इस नदी के अंदर की एक-एक चीज बिल्कुल साफ दिखाई देती है. नदी इतनी पारदर्शी है कि आप इसमें खुद का चेहरा भी देख सकते हैं.

जल शक्ति मंत्रालय ने ट्वीट की फोटो

2/5
जल शक्ति मंत्रालय ने ट्वीट की फोटो

भारत के जल शक्ति मंत्रालय ने नदी की एक फोटो ट्वीट करते हुए लिखा, 'दुनिया की सबसे साफ नदियों में से एक उमनगोट नदी भारत में है. ऐसा लगता है कि जैसे नाव हवा में है; पानी इतना साफ और पारदर्शी. काश हमारी सभी नदियां ऐसी ही स्वच्छ होतीं. मेघालय के लोगों को सलाम.'

एशिया के सबसे स्वच्छ गांव के पास से गुजरती है नदी

3/5
एशिया के सबसे स्वच्छ गांव के पास से गुजरती है नदी

उमनगोट नदी एशिया के सबसे स्वच्छ गांव का दर्जा पाने वाले मॉयलननोंग (Mawlynnong) गांव से गुजरती है. यह गांव भारत- बांग्लादेश सीमा (India-Bangladesh Border) के पास स्थित है. यह नदी बांग्लादेश से पहले जयन्तिया और खासी हिल्स (Jaintia And Khasi Hills) के बीच से गुजरती है.

डौकी के नाम से भी है प्रसिद्ध

4/5
डौकी के नाम से भी है प्रसिद्ध

वैसे तो नदी का नाम उमनगोट (Umngot River) है, लेकिन मेघालय में यह डौकी नदी (Dawki River) के नाम से प्रसिद्ध है. यह नदी शिलॉन्ग से 100 किमी दूर बहती है. नदी के पास के नजारे भी बहुत अद्भुत हैं. पक्षियों की चहचहाहट यहां हर समय सुनाई देती है. इसके अलावा नदी में पड़ने वाली सूरज की किरणें दिल को बहुत सुकून देती हैं.

नवंबर से अप्रैल तक घूमने के लिए सबसे उचित

5/5
नवंबर से अप्रैल तक घूमने के लिए सबसे उचित

इस नदी के पास घूमने का माहौल बहुत ही ज्यादा अच्छा है. यहां आकर पहाड़ों पर बहने वाले पानी की आवाज सुनना कान को सुकून देता है. अगर आप यहां घूमने आना चाहते हैं तो आपको नवंबर महीने से लेकर अप्रैल तक आना चाहिए. इस समय यहां का मौसम घूमने के लिए सबसे उचित होता है.

ट्रेन्डिंग फोटोज़