ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे (Humans Of Bombey) से बात करते हुए एयर इंडिया की कप्तान जोया अग्रवाल (Air India Captain Zoya Agarwal) कई अनकहे और अनसुने बातों को बताया. फिलहाल, इस वक्त वो सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु की उड़ान की कमान संभाल रही हैं. उनके इस सफलता के पीछे कई बड़े किस्से हैं.
जोया अग्रवाल ने बताया कि 90 की दशक में, जब लोअर मिडिल क्लास फैमिली में एक लड़की के तौर पर बड़ी हो रही थीं तो वह ऐसे सपने देखने के बारे में सोच भी नहीं सकती थीं. अभी भी जब वह अपने छत पर जाती हैं और आसमान में एयरोप्लेन्स देखती हैं तो हैरान होती है.
जोया ने बताया कि जब वह 8 साल की थीं, तभी से पायलट बनने का सपना देख लिया था. वह कहती हैं कि आसमान में देखकर मैं सोचती थी कि शायद मैं उन प्लेन्स को उड़ा रही होती, तो मैं सितारों को छू पाती.'
उन्होंने यह बताया कि जब भी मेरे पैरेंट्स मुझे मेरे खर्च के लिए पैसे देते तो मैं अपने पिगी बैंक में बचाकर रखती थी. लेकिन मैंने एक दिन मां से सुना, 'बड़े होकर अच्छे घर में शादी करनी है इसकी, तब ही लाइफ अच्छी होगी.' तब मुझे बेहद निराशा हुई. मुझमें कभी हिम्मत नहीं हुई कि मैं अपने सपने के बारे में अपने पैरेंट्स को बता पाऊं.
10वीं के बाद, मैं खुद को रोक नहीं पाई और आखिकार मैंने उन्हें अपने सपनों के बारे में बताया. तब मेरी मां रोने लगीं और कहा, 'तुम ऐसे कैसे सोच भी सकते हैं.' पापा ने कहा, 'पायलट की ट्रेनिंग बेहद महंगी हैं.' उसके बाद से जोया ने आगे की पढ़ाई पूरी की और अपने पिगि बैंक से बचाए पैसे से एविएशन कोर्स किया.
जोया ने फिर जब कॉलेज में टॉप किया तो उनके पापा सपने को पूरा करने के लिए तैयार हुए और लोन लेकर उनके सपने के साथ आगे बढ़े. 2004 में, मैंने दुबई के लिए अपनी पहली उड़ान भरी और आखिरकार सितारों को छुआ.
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