दुनिया में एक ऐसी जगह है जहां महिलाएं अपने पूरे जीवन में सिर्फ एक बार ही नहाती हैं. सुनकर थोड़ा आपको अटपटा लगे, लेकिन यही सच है. एक ऐसी जनजाति है, जहां की महिलाएं जीवन में सिर्फ एक ही बार नहाने की परंपरा है.
हिम्बा जनजाति उत्तरी नामीबिया में रहने वाले लगभग 50,000 लोगों की अनुमानित आबादी वाले स्वदेशी लोग हैं. यह कुनेन क्षेत्र (अब काकोलैंड के नाम से पहचाना जाता है) अंगोला में कुनेन नदी के दूसरी तरफ मौजूद है.
हिम्बा जनजाति की महिलाएं नहाने के बजाय विशेष जड़ी-बूटियों का प्रयोग करती हैं और इसके धुएं से अपने शरीर को फ्रेश रखती हैं. इस जड़ी-बूटी की महक से उनके शरीर से अच्छी महक आती है और यह धुआं उनके शरीर को ताजगी देता है और कीटाणुओं को भी नष्ट करता है.
ये महिलाएं शादी के दौरान ही सिर्फ एक बार नहाती हैं. दरअसल, इन महिलाओं को पानी छूने की भी मनाही होती है, इसलिए ये कपड़े भी नहीं धोती हैं. यह परंपरा कई वर्षों से फॉलो करती हुई आ रही हैं.
इसके अलावा यहां की महिलाएं अपने शरीर को जानवरों की चर्बी और हेमटिट के घोल से बनी धूप से बचाने के लिए खास लोशन का इस्तेमाल करती है. हेमेटाइट के कारण उनकी त्वचा का रंग लाल हो जाता है. ये खास लोशन उन्हें कीड़ों के काटने से भी बचाते हैं.
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