भारत में स्ट्रीट फूड (Indian Street Food) की गजब वैरायटी पाई जाती है. यहां पानी पूरी (Pani Puri) से लेकर आलू टिक्की, तरह-तरह की पकौड़ियां, मोमोज, दही भल्ले, धनिया आलू आदि खूब लोकप्रिय हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में गोलगप्पों के लिए अलग तरह का पानी और फिलिंग को पसंद किया जाता है. कोई गोलगप्पों में आलू भरता है, कोई चने तो कोई मटर, हर चीज का स्वाद बिल्कुल अलग होता है. एक-दो प्लेट पानी पूरी खा लेने के बाद वो आखिरी वाली सूखी पापड़ी का स्वाद भी मुंह में पानी ले आता है. फिलहाल कोरोना संक्रमण (Corona Cases In India) के कारण लगे लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से आप सड़क किनारे खड़े होकर पानी पूरी तो नहीं खा पा रहे होंगे लेकिन घर बैठे यह जान लीजिए कि इसका आविष्कार कहां और कैसे हुआ था (Who Invented Golgappa).
जब द्रौपदी (Draupadi) पहली बार अपने पतियों के साथ ससुराल आई थीं, तब कुंती ने उनसे कुछ ऐसा बनाने के लिए कहा था, जिससे पांडवों का पेट भर जाए. तब द्रौपदी ने अपनी कला से पानी पूरी यानी गोलगप्पे तैयार किए थे. इसे खाकर पांडव काफी खुश हो गए थे. तब कुंती ने द्रौपदी को अमरता का वरदान दिया था (Mahabharata Facts).
ग्रीक इतिहासकार Megasthenes और चीनी बौद्ध यात्री Faxian और Xuanzang की किताबों में लिखा है कि पानी पूरी सबसे पहले गंगा के किनारे बसे मगध साम्राज्य में बनाई गई थी.
माना जाता है कि पानी पूरी (Pani Puri) की शुरुआत मगध से हुई थी. आज इसे दक्षिणी बिहार (South Bihar) के नाम से जाना जाता है. उस समय इसका नाम क्या रहा होगा, इसका तो किसी को अंदाजा नहीं है. हालांकि, कई जगहों पर इसके प्राचीन नाम 'फुल्की' का उल्लेख पाया जाता है.
हेल्थ मेनिया की चीफ डाइटीशियन मेघा मुखीजा के अनुसार, गोलगप्पे और उसका पानी घर में बनाया जाए तो वजन कम करने (Weight Loss) में मदद मिल सकती है. एक गोलगप्पे में सिर्फ 36 कैलोरी होती है. 6 गोलगप्पों की 1 प्लेट में 216 कैलोरी होती है. दरअसल, गोलगप्पे का तीखा पानी पीने के बाद घंटों तक भूख नहीं लगती है. ऐसे में वजन घटाने (Weight Loss) में काफी मदद मिल सकती है. लेकिन इसके लिए आपको गोलगप्पे और उसका पानी, दोनों ही घर पर तैयार करने होंगे. घर वाले गोलगप्पे कम तेल में बनाए जाते हैं इसलिए वो नुकसान नहीं करते हैं. वजन कम करना है तो सूजी के बजाय आटे के गोलगप्पे बनाएं (Golgappa Dieting For Weight Loss).
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