न तो ईसाई, न ही इस्लाम! रूस में ज्यादातर लोग 2000 साल पुराने इस धर्म का करते हैं पालन
Advertisement
trendingNow12327672

न तो ईसाई, न ही इस्लाम! रूस में ज्यादातर लोग 2000 साल पुराने इस धर्म का करते हैं पालन

Russia Orthodox Christian: रूस में लगभग 14.2 करोड़ लोग रहते हैं, जो कई तरह के धर्मों को मानते हैं. रूस में धर्मों की बात करें तो, वहां सबसे ज्यादा लोग रूसी ऑर्थोडॉक्स ईसाई हैं. पूरे देश में 71% लोग इसी धर्म को मानते हैं.

 

न तो ईसाई, न ही इस्लाम! रूस में ज्यादातर लोग 2000 साल पुराने इस धर्म का करते हैं पालन

Russian Religion: रूस इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा की वजह से भारत के सोशल मीडिया में सुर्खियों में है. भारत-रूस संबंधों को लेकर काफी चर्चा हो रही है और कई तरह की जानकारी साझा की जा रही है. इसी सिलसिले में रूस के कुछ लोगों को यह जानने की उत्सुकता है कि उनके देश में कौन सा धर्म ज्यादा माना जाता है. वहां ईसाई भी रहते हैं और उन्हें अपने धर्म के बारे में अच्छी जानकारी है, इसलिए वे अपने धर्म और वहां के प्रमुख धर्म में अंतर को समझते हैं. क्या आप जानना चाहते हैं कि वहां दूसरे धर्मों को मानने वाले लोग कैसे रहते हैं?

सबसे ज्यादा लोग रूसी ऑर्थोडॉक्स ईसाई

रूस में लगभग 14.2 करोड़ लोग रहते हैं, जो कई तरह के धर्मों को मानते हैं. रूस में धर्मों की बात करें तो, वहां सबसे ज्यादा लोग रूसी ऑर्थोडॉक्स ईसाई हैं. पूरे देश में 71% लोग इसी धर्म को मानते हैं. आसान शब्दों में कहें तो, रूस की आधी से ज्यादा आबादी रूसी ऑर्थोडॉक्स ईसाई धर्म को मानती है. रूसी ऑर्थोडॉक्स ईसाई धर्म के बाद, वहां 5% लोग मुस्लिम हैं और 15% लोग ऐसे हैं जो किसी भी धर्म को नहीं मानते. वहां के ईसाई धर्म में भी कैथोलिक और रूसी ऑर्थोडॉक्स ईसाई अलग-अलग माने जाते हैं. इनके अलावा बाकी 1% लोग बौद्ध धर्म, प्रोटेस्टेंट ईसाई, जूडिज्म (यहूदी), हिन्दू, और कुछ दूसरे धर्मों को मानते हैं.

कौन होते हैं रूसी ऑर्थोडॉक्स ईसाई?

सवाल ये आता है कि रूसी ऑर्थोडॉक्स ईसाई कौन होते हैं? तो देखिए, ये ईसा मसीह और ईसाई धर्म को मानने वाले लोग हैं, लेकिन उनका ईसाई धर्म अमेरिका में मानने वाले ईसाई धर्म से कुछ अलग है. मतलब, उनकी मान्यताएं पूरी तरह से एक जैसी नहीं हैं. इसके अलावा, रूसी ऑर्थोडॉक्स ईसाई जूलियन कैलेंडर फॉलो करते हैं. रूस में ही सबसे ज्यादा रूसी ऑर्थोडॉक्स ईसाई रहते हैं, खासकर पूर्वी यूरोप में इनकी संख्या और भी ज्यादा है. रूसी ऑर्थोडॉक्स ईसाई चर्च को बहुत महत्व देते हैं और उनका मानना है कि ईसा मसीह के बारे में पढ़ना और उन्हें समझना ही असली ईसाई होने की निशानी है.

क्या होता है फर्क?

साथ ही, वे यह भी मानते हैं कि ईसाई धर्म और चर्च एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और दोनों को अलग नहीं किया जा सकता. ईसाई धर्म को मानने वाले मुख्य रूप से तीन बड़े समूहों में बंटे हुए हैं जिनके मान्यताएं थोड़ी अलग हैं: कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और ऑर्थोडॉक्स. कुछ लोग रूसी ऑर्थोडॉक्स ईसाई को प्रोटेस्टेंट मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. दुनिया में और भी ईसाई मत हैं, लेकिन ये तीनों सबसे प्रमुख हैं. कैथोलिक धर्म में पोप को ईश्वर का प्रतिनिधि माना जाता है.

रूसी पोप को ज्यादा नहीं मानते

कैथोलिक ईसाई पोप को मानते हैं, वहीं रूसी ऑर्थोडॉक्स ईसाई परंपरा को ज्यादा महत्व देते हैं और अपने-अपने देश के धर्म गुरु (पैट्रिआर्क) को मानते हैं. हालांकि, दोनों ही बाइबल और यीशु मसीह के उपदेशों को मानते हैं. रूसी ऑर्थोडॉक्स ईसाई एक ही जगह रहना पसंद करते हैं. वहीं, प्रोटेस्टेंट ईसाई पूरी तरह से बाइबल पर विश्वास रखते हैं और किसी पोप को नहीं मानते. प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक दोनों में कुछ समानताएं भी हैं, जैसे दोनों ही बैपटिज्म जैसे सात संस्कारों को मानते हैं. लेकिन फर्क यह है कि कैथोलिक सातों संस्कारों को मानते हैं, जबकि प्रोटेस्टेंट सिर्फ दो को मानते हैं - बैपटिज्म और साम्य (eucharist).

Trending news