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नई दिल्ली: Knowledge: दुनिया में कई ऐसे राज हैं, जिन पर सदियों से रिसर्च चल रही है. ये किसी रहस्य की तरह वैज्ञानिकों से लेकर आम इंसानों तक के दिमाग में कौंधते रहते हैं लेकिन इन पर एकमत राय बना पाना आसान नहीं होता है. कुछ ऐसा ही है सांप की दो जीभों का रहस्य (Snake Tongue Facts) भी. आमतौर पर इंसानों और ज्यादातर जानवरों की एक ही जीभ होती है लेकिन सांप की जीभ दो हिस्सों में बंटती है. इस अजीब वजह को जानने के लिए पढ़िए यह लेख (Weird News).
अगर आपने कभी खुद कोई सांप देखा हो या किसी वीडियो (Snake Video) में उसकी झलक देखी हो तो एक चीज पर जरूर गौर फरमाया होगा. दरअसल, सांपों की दो जीभ (Snake Tongue) होती हैं, जिन्हें वे अलग-अलग दिशाओं में घुमाते हैं. वैसे तार्किक बात करें तो जीभ 2 नहीं होती हैं, जीभ एक ही होती है लेकिन वह बाहर निकलते ही 2 हिस्सों में बंट जाती है.
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यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट (University Of Connecticut) में इकोलॉजी और इवोल्यूशनरी बायोलॉजी के प्रोफेसर कर्ट श्वेंक के मुताबिक, सांप की जीभ के दो हिस्सों में बंटने की कहानी करीब 18 करोड़ साल पहले शुरू हो गई थी. खुद से बड़े और भयानक जानवरों के पैरों के नीचे आने से बचने के लिए सांप गड्ढे में छिपकर रहते थे. सांप का शरीर लंबा और पतला होता है. इनके पैर नहीं होते हैं और बिना रोशनी के इनकी दृष्टि धुंधली हो जाती है. सांप की जीभ उसकी नाक का काम करती है. वह गंध लेने के लिए हवा में जीभ को निकालकर लहराता है.
Snakes have two tongue tips for the same reason you have two ears – it provides them with direction information in addition to sensory information – a skill that turns out to be extremely useful when following scent trails left by potential preyhttps://t.co/1gQrF7EscB pic.twitter.com/gmo4iqhr5r
— The Conversation U.S. (@ConversationUS) June 17, 2021
सांप के दो हिस्सों में बंटी जीभ के असली काम का पता 1900 के बाद मालूम चला था. सांप की जीभ को वोमेरोनेजल (Vomeronasal) अंग माना जाता है. यह अंग जमीन पर रेंगने वाले कई जीवों में पाया जाता है. वोमेरोनेजल (Vomeronasal) अंग सांप की नाक के चैंबर के नीचे होता है. यह जीभ के दोनों हिस्सों पर गंध समझने वाले कणों को चिपकाकर हवा में बाहर लहराता है. इन कणों से गंध चिपकती है. इसके बाद सांप को पता चल जाता है कि आगे क्या है या क्या हो सकता है.