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बीजिंग: चीन (China) ने एक बार फिर अपनी विवादास्पद 60 अरब डॉलर की CPEC परियोजना पर भारत (India) के विरोध को दरकिनार कर दिया है. बीजिंग की तरफ से परियोजना का बचाव करते हुए कहा गया है कि यह एक आर्थिक पहल है और कश्मीर मुद्दे पर उसके सैद्धांतिक रुख को प्रभावित नहीं करती. बता दें कि चीन और पाकिस्तान के नेताओं ने हाल ही में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (China-Pakistan Economic Corridor-CPEC) की प्रगति की प्रशंसा की थी और अपने राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरे होने का जश्न मनाया था.
भारत (India) बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) की प्रमुख परियोजना CPEC का विरोध कर रहा है. इसकी वजह यह है कि ये प्रोजेक्ट पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) से होकर गुजरता है. प्रोजेक्ट चीन के शिंजियांग प्रांत को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है. अपनी परियोजना का बचाव करते हुए चीन ने कहा कि CPEC एक आर्थिक परियोजना है और इसका लक्ष्य किसी तीसरे देश को प्रभावित करना नहीं है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने सोमवार को मीडिया ब्रीफिंग में सीपीईसी को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब देते हुए कहा कि अग्रणी परियोजनाओं में से एक CPEC ने बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, बंदरगाहों और औद्योगिक पार्कों के विकास में महत्त्वपूर्ण और बड़ी प्रगति की है. उन्होंने कहा कि बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव एक खुली अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग पहल है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाना और साझा विकास हासिल करना है.
झाओ लिजियान ने कहा कि हम अफगानिस्तान सहित क्षेत्रीय देशों में भी CPEC का विस्तार कर रहे हैं. इससे न केवल पाकिस्तान में तेजी से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्रीय संपर्क भी बढ़ेगा. गौरतलब है कि बीच में ऐसी खबरें आई थीं कि कोरोना वायरस के कारण परियोजना का काम बहुत धीमी गति से बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ बलूचिस्तान में उग्रवादियों के हमले भी तेज हो गए हैं. इसके अलावा पाकिस्तान की बदहाल आर्थिक स्थिति से भी चीन की चिंता बढ़ी है.