पीएलए (PLA) ने भारतीय सीमा से 228 किलोमीटर दूर ल्हासा कैंप के पास एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) को भी तैनात किया है. चीन यहां भारतीय वायु सेना (IAF) के हमले की आशंका से डरा हुआ है.
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नई दिल्ली: भारत (India) और चीन (China) के बीच पूर्वी लद्दाख क्षेत्र से सेना के डिसइंगेजमेंट को लेकर 9 राउंड की वार्ता हो चुकी है लेकिन अब तक गतिरोध जारी है. पिछले आठ महीने से ज्यादा समय से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच चला आ रहा गतिरोध तब और बढ़ गया जब एक चीनी सैनिक एलएसी के भारतीय हिस्से में पकड़ा गया. नेशनल सिक्योरिटी प्लानर के अनुसार चीन की फौज PLA पैंगोंग झील वाले क्षेत्र में नए सिरे से बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती और मिसाइल व हथियार इकट्ठे कर रहा है.
सैन्य वाहन, हथियार और मिसाइल किए इकट्ठे
पूर्वी लद्दाख के चुमार में एलएसी (LAC) से महज 82 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शिंकाने पीएलए कैंप के आसपास 35 भारी सैन्य वाहन, चार 155 एमएम पीएलजेड, 83 सेल्फ प्रोपेल्ड होवित्जर तैनात किए गए हैं. रूडोक सर्विलांस चौकी के पास, एलएसी से 90 किमी दूर सैनिकों के लिए चार नए बड़े शेड और क्वार्टर के पास वाहनों की भारी तैनाती और नए निर्माण कार्य पिछले महीने देखे गए हैं. रुडोक और शिक्नेह दोनों कब्जे वाले अक्साई चीन क्षेत्र में हैं.
लंबे समय तक तैनाती की कर रहा तैयारी
भारतीय सेना (Indian Army) के कमांडरों के अनुसार, पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर फिंगर-4 और फिंगर-7 के बीच नए सिरे से सैनिकों की तैनाती की गई है. सेना के अधिकारियों के मुताबिक पियु रडार साइट के पास एलएसी से 16 किलो मीटर दूरी के आसपास 20 सैन्य वाहन तैनात किए हैं. पीएलए लगातार दिसंबर 2020 के बाद से स्पंगगुर त्सो के आसपास सैना की तैनाती मजबूत कर रहा है. PLA ने लद्दाख में 1597 किमी इलाके में सेना की लंबे समय तक तैनाती के लिहाज से तैयारी की है.
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पीएलए लगातार बढ़ा रही तनाव
पीएलए (PLA) ने भारतीय सीमा से 228 किलोमीटर दूर ल्हासा कैंप के पास एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) को भी तैनात किया है. चीन यहां भारतीय वायु सेना (IAF) के हमले की आशंका से डरा हुआ है. इसी कारण पीएलए ने एलएसी के साथ सभी प्रमुख शहरों के आसपास एसएएम यूनिट और एंटी-एयरक्राफ्ट गन तैनात की हैं. इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में फिश टेल एरिया में भारत-चीन-म्यांमार ट्राई-जंक्शन पर भी चीन गतिविधियां बढ़ा रहा है. जबकि बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन की मदद से भारतीय सेना ने सभी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी और क्षमता में वृद्धि की है. पीएलए लगातार एलएसी पर तनाव बढ़ाता जा रहा है.
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