क्या China में भी बजेगा बगावत का बिगुल? खौफजदा Xi Jinping ने CPC के बड़े नेताओं को दिलाई वफादारी की शपथ
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क्या China में भी बजेगा बगावत का बिगुल? खौफजदा Xi Jinping ने CPC के बड़े नेताओं को दिलाई वफादारी की शपथ

वैसे तो शी जिनपिंग को 2023 में दूसरा कार्यकाल पूरा होने के बाद सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए, लेकिन उनके आजीवन पद पर बने रहने की उम्मीद है. क्योंकि शीर्ष विधायिका नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने 2018 में संविधान में संशोधन कर पांच साल के दो कार्यकाल की अधिकतम सीमा को हटा दिया था.

फाइल फोटो

बीजिंग: चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) को बगावत का डर सताने लगा है. इसी ‘डर’ के चलते उन्होंने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के शताब्दी समारोह से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक रूप से वफादारी की शपथ दिलाई. इस दौरान जिनपिंग ने नेताओं से 'मुख्य नेतृत्व' को मानने और देश के आधुनिकीकरण के साथ राष्ट्रीय कायाकल्प के लिए काम करने की बात कही. बता दें कि दिसंबर 2012 में पद संभालने के बाद से शी जिनपिंग को आधिकारिक तौर पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) का मुख्य नेता घोषित किया गया है.

  1. दुनिया का दबाव झेल रहे हैं चीन के राष्ट्रपति
  2. कोरोना सहित कई मुद्दों पर चीन है निशाने पर 
  3. जिनपिंग के नेतृत्व में आक्रामक हुआ है चीन
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CPC के 25 नेता रहे मौजूद

अचानक से वरिष्ठ नेताओं को वफादारी की शपथ दिलाने से यह सवाल उठ रहा है कि क्या राष्ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) को किसी बगावत की आशंका सता रही है? बीजिंग में CPC के संग्रहालय की एक प्रदर्शनी देखने के दौरान पार्टी के पोलित ब्यूरो के 25 सदस्यों के आगे खड़े शी ने उन्हें शपथ दिलाई. इस संग्रहालय का हाल ही में उद्घाटन किया गया था और इस मौके पर शी के साथ नंबर-2 नेता प्रधानमंत्री ली क्विंग भी मौजूद थे.

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Jinping ने 2012 में संभाली थी सत्ता

CPC शताब्दी समारोह का आयोजन 1 जुलाई को किया जाएगा और पार्टी ने इस मौके पर सैन्य परेड सहित कई आयोजनों की योजना बनाई है. पार्टी अपनी स्थापना का शताब्दी समारोह ऐसे वक्त मना रही है जब COVID-19 की उत्पत्ति, शिनजियांग, हांगकांग और तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों को लेकर चीन दुनिया के निशाने पर है. कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन ज्यादा आक्रामक हो गया है. गौरतलब है कि जिनपिंग ने दिसंबर 2012 में अपने पूर्ववर्ती हू जिनताओ से सत्ता संभाली थी.

आजीवन President रहेंगे शी!

प्रदर्शनी में अपने भाषण में शी ने सीपीसी के सदस्यों से पार्टी के इतिहास से शक्ति ग्रहण करने और चीन के आधुनिकीकरण और राष्ट्रीय कायाकल्प के लिए प्रयास करने का आह्वान किया. सरकारी शिन्हुआ संवाद समिति के मुताबिक, राष्ट्रपति ने कहा कि उनके लिए यह आवश्यक है कि राजनीतिक अखंडता को कायम रखने की जरूरत के बारे में वे अपनी जागरुकता को बढ़ाएं और बड़े पैमाने पर सोचें, नेतृत्व के मूल का पालन करें. वैसे तो शी को 2023 में दूसरा कार्यकाल पूरा होने के बाद सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए, लेकिन उनके आजीवन पद पर बने रहने की उम्मीद है. क्योंकि शीर्ष विधायिका नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने 2018 में संविधान में संशोधन कर पांच साल के दो कार्यकाल की अधिकतम सीमा को हटा दिया था, जिससे सत्ता पर उनके आजीवन कब्जे का रास्ता साफ हो गया था.

Leaders को दिलाई ये शपथ

शी जिनपिंग ने सदस्यों को शपथ भी दिलाई जिसमें कहा गया, ‘यह मेरी इच्छा है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ूं, मैं पार्टी के कार्यक्रम को बनाए रखूंगा, पार्टी संविधान का पालन करूंगा, पार्टी के सदस्य के तौर पर अपने दायित्वों का निर्वहन करूंगा, पार्टी के फैसलों को लागू कराऊंगा, पार्टी के अनुशासन का सख्ती से पालन करूंगा, पार्टी के रहस्यों को कायम रखूंगा,पार्टी के प्रति वफादार रहूंगा, कठिन परिश्रम करूंगा, जीवन भर साम्यवाद के लिए लड़ूंगा और पार्टी एवं लोगों के लिए हर समय बलिदान के लिये तैयार रहूंगा, कभी पार्टी से विश्वासघात नहीं करूंगा.

 

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