China Vs Taiwan: ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियम लाई (William Lie) के अमेरिकी दौरे से चीन किस कदर भड़का है, उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ताइवान के लोगों को डराने के लिए उसने सीमा पर बड़ा युद्धाभ्यास किया. चीनी सेना ने कहा, 'ये अलगाववादी ताकतों के लिए गंभीर चेतावनी है. जिसकी अनदेखी महंगी पड़ेगी.'
Trending Photos
China Military Drills: विस्तारवादी चीन, ताइवान को अपनी बपौती समझता है. वो ताइवान पर कब्जा करते हुए उसका नियंत्रण अपने हाथ लेना चाहता है. वहीं मजबूत हौसलों वाला ताइवान 'ड्रैगन' यानी बीजिंग की विशाल सेना से डरने के बजाए दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है. यही वजह है कि ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियन लाई (William Lai) अपने खास सहयोगी और मददगार देश अमेरिकी की यात्रा पर गए तो इस फैसले से भड़के चीन ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए ताइवान को घेरने और उसे डराने के लिए अपने कई लड़ाकू विमान भेज दिए.
घल लौटे लाई लेकिन नहीं थमा चीन का गुस्सा
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक लाई ताइवान लौट आए हैं. ताइवन के इस फैलले से ड्रैगन के गुस्से की आग अभी नहीं बुझी है. इस यात्रा की निंदा करते हुए चीन ने ताइवान की सीमा पर युद्धाभ्यास किया. हवाई सीमा का अतिक्रमण करते हुए ताइवान को डराने की कोशिश की. चीनी अधिकारियों ने ताइवान से कहा ऐसी यात्राएं आपसी तनाव बढ़ाती है. इसलिए उकसावे भरे काम नहीं करने चाहिए.
चीन पर आरोप
इस यात्रा की जानकारी मीडिया से साझा करते हुए ताइवान के अधिकारियों ने कहा, 'चीन अगले साल के राष्ट्रपति चुनाव से पहले मतदाताओं को डराने और उन्हें युद्ध का भय दिखाना चाहता है. इसलिए वह हमारी समुद्री सीमा पर सैन्य अभ्यास कर रहा है.'
ताइवान की संप्रता का उल्लंघन
चीन की मिलिट्री ड्रिल की जानकारी देते हुए ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीन के 25 प्लेन ताइवान की खाड़ी को पार कर उसके क्षेत्र में घुस आए. डिफेंस मिनिस्ट्री की ओर से शेयर किए गए एक नक्शे के मुताबिक चीन के Su 30 और J 11 लड़ाकू विमानों ने उसके इलाके में उड़ान भरी. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक नया विवाद ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियम लाई के हालिया अमेरिका दौरे को लेकर शुरू हुआ है.
कौन हैं लाई?
ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियम लाई एक ताकतवर और सशक्त नेता है. विलियम लाई ताइवान के राष्ट्रपति बनने की रेस में हैं और उन्हे इस पद का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहे है. ऐसे में उनकी अमेरिका यात्रा से चीन बौखला गया है. ताइवान के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर लौटने के बाद उन्होंने कहा, 'देश के हर नागरिक की कड़ी मेहनत के कारण, ताइवान की शक्ति और मजबूत हो गई है. हमने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दिखाया है कि ताइवान अच्छाई के लिए लड़ने वाली एक ताकत है जो चीन के खिलाफ पूरी मजबूती से खड़ी है.'
उन्होंने ये भी कहा, 'आखिर ताइवान के नेताओं की यात्राओं से चीन को इतनी परेशानी क्यों होती है. मेरा साफ एकदम क्लियर है कि ताइवान चीन का हिस्सा नहीं है. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बात करना चाहते हैं. उनसे जुड़ना चाहते हैं. और इससे हमे कोई नहीं रोक सकता है.'
शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना ने यह ड्रिल इसलिए की है ताकि ये दिखाया जा सके कि वह ताइवान के आसमान और समुद्र क्षेत्र को जब चाहे सील कर सकती है. ताइवान और चीनी सेना के फौजी अक्सर एक दूसरे से चौकन्ने रहते हैं. ताइवान के राष्ट्रपति का कहना है कि इसमें डरने के बाद नहीं है. गौरतलब है कि कुछ महीने पहले भी चीन ने कई दिनों तक मिसाइलों और भारी हथियारों के साथ ताइवान की खाड़ी के पास मिलिट्री ड्रिल की थी.