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बीजिंग: भारत (India) के साथ मधुर संबंधों की बात करने वाले चीन (China) ने किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बहाने फिर जहर उगला है. ग्लोबल टाइम्स (Global Times) में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि भारत सरकार को अस्थिर होने का डर सता रहा है, इसलिए उसने कुछ जगहों पर इंटरनेट बैन कर दिया है. बता दें कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद अफवाहों को रोकने लिए सरकार ने एनसीआर के कुछ हिस्सों में इंटरनेट पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया था, इसी को आधार बनाकर बीजिंग ने भारत के खिलाफ बयानबाजी की है.
चीन (China) की कम्युनिस्ट सरकार के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ (Global Times) में शिन्हुआ यूनिवर्सिटी में नेशनल स्ट्रैटिजी इंस्टीट्यूट के रिसर्च डिपार्टमेंट के डायरेक्टर कियान फेंग का लेख प्रकाशित हुआ है. फेंग ने लिखा है कि भारत में किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) चल रहा है. इसके जवाब में भारत सरकार ने नई दिल्ली के आसपास कई इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया है, जहां किसान नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे पता चलता है कि सरकार को अस्थिर होने का डर सता रहा है.
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लेख में कहा गया है कि भारतीय किसानों के प्रदर्शन को बढ़ते देख मोदी प्रशासन ने इंटरनेट को सस्पेंड करने और मीडिया कंट्रोल का रास्ता चुना है, ताकि सामाजिक स्थिरता और शासन की नींव पर असर को रोका जा सके. कियान फेंग ने आगे लिखा है, ‘भारत में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने अपने बहुमत के दम पर संसद में इन कानूनों को जल्दबाजी में पारित किया और विपक्ष की अपीलों को दरकिनार कर दिया. इस वजह से विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार पर किसानों और लोकतंत्र के खिलाफ काम करने का आरोप लगा रही हैं’. अखबार ने यह भी कहा है कि प्रदर्शनकारी आसानी से नहीं मानेंगे और यह संकट जल्द खत्म नहीं होगा.
लेख में कहा गया है कि भारत सरकार प्रदर्शनों को रोकने के लिए बार-बार इंटरनेट बैन का सहारा लेती है. दुनिया के दूसरे देशों की तरह भारत में भी अधिकतर प्रदर्शन सोशल मीडिया के जरिए मैनेज किए जाते हैं, लेकिन अक्सर इंटरनेट पर बैन लगाए जाने से पता चलता है कि भारत सरकार के पास ऐसे संकटों से निपटने के लिए अधिक विकल्प नहीं हैं. वह केवल इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा सकती है.
भारत के खिलाफ बयानबाजी करने वाले चीन की दमनकारी नीतियों से पूरी दुनिया वाकिफ है. वीगर मुसलमानों के खिलाफ उसके अत्याचार की कई रिपोर्ट सामने आ चुकी हैं. चीन में आवाज उठाने वालों को हमेशा के लिए खामोश कर दिया जाता है. हांगकांग में विरोध-प्रदर्शनों को बलपूर्वक कुचलना उसकी आदत में शुमार है. वहीं, तिब्बत में उसके शोषण की कहानी किसी से छिपी नहीं है. इसके बावजूद बीजिंग भारत में इंटरनेट बैन को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कर रहा है.