China Political Crisis: पिछले अक्टूबर की कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस में, सात-सदस्यीय पोलित ब्यूरो स्थायी समिति में नई नियुक्तियों का मतलब था कि देश के सबसे शक्तिशाली समूह में अब केवल शी के वफादार थे. इस सभा में विभिन्न विभागों के प्रमुखों और मंत्री पदों को बदला जाएगा. उन सभी के एक ही खेमे में आने की उम्मीद है.
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China News: चीन में इस हफ्ते के आखिर में शुरू हो रही नेशनल पीपुल्स कांग्रेस शी जिनपिंग की सत्ता हथियाने की प्रतीकात्मक चरमबिंदु होगा. बीबीसी की रिपोर्ट की माने तो चीन के नेता ने खुद को केंद्र में रखते हुए कम्युनिस्ट पार्टी में काफी बदलाव किया है और किसी के पास उन्हें चुनौती देने का रत्ती भर भी मौका नहीं है.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इसका सबसे साफ प्रतिनिधित्व सालाना राजनीतिक बैठक लगभग 3000 प्रतिनिधियों के रबर-स्टैम्प सेशन में घोषित किए जाने वाले कर्मियों में बदलाव में होगा. चीन की दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. प्रीमियर सत्ता संरचना में शी के बाद दूसरे नंबर पर है.
निवर्तमान प्रधानमंत्री ली केकियांग पहले दिन सेंटर में होंगे. फिर आखिर में एक नए प्रीमियर निश्चित रूप से ली कियांग सुर्खियों में रहेंगे. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, वे दो बहुत अलग लोग हैं. खासकर शी के प्रति उनकी वफादारी के मामले में जिन्होंने एक दशक पहले अपने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के साथ उथल-पुथल शुरू कर दी थी, प्रतिद्वंद्वी पार्टी गुटों के रैंकों के जरिए एक पट्टी को कम कर दिया था. पिछले अक्टूबर की कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस में, सात-सदस्यीय पोलित ब्यूरो स्थायी समिति में नई नियुक्तियों का मतलब था कि देश के सबसे शक्तिशाली समूह में अब केवल शी के वफादार थे. इस सभा में विभिन्न विभागों के प्रमुखों और मंत्री पदों को बदला जाएगा. उन सभी के एक ही खेमे में आने की उम्मीद है.
एक अनुभवी कारोबारी ने बीबीसी को बताया, 'एक ओर इसका मतलब यह हो सकता है कि शी वास्तव में अपने नए नेतृत्व के साथ काम कर सकते हैं, लेकिन दूसरी ओर उनके प्रतिध्वनि कक्ष में फंसने का खतरा है.
(इनपुट-IANS)
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