China America Ties: अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी अगले महीने ताइवान दौरे पर जाने वाली हैं और ये दौरा चीन बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है. चीन इसलिए बौखला गया है क्योंकि 1997 के बाद किसी अमेरिकी हाउस स्पीकर का ताइवान दौरा होने वाला है और वो भी ऐसे वक्त में जब चीन और ताइवान के रिश्ते सबसे ज्यादा खतरनाक दौर से गुजर रहे हैं.
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China America Relations: चीन ने एक बार फिर अमेरिका को धमकी दी है. ताइवान जलडमरूमध्य में अमेरिका के लगातार आने से चीन बौखला गया है. चीनी सेना ने कहा कि ताइवान जलडमरूमध्य में लगातार अमेरिका उकसावे वाली हरकतें कर रहा है. ऐसे में सभी परेशानियां अमेरिका ही पैदा कर रहा है. बुधवार को अमेरिका का एक और युद्धपोत ताइवान जलडमरूमध्य में पहुंच गया था, जिसके बाद चीन का यह बयान आया है. अमेरिका अकसर महीने में एक बाद अपने युद्ध पोत को वहां भेजता है. उसके ऐसा करने से चीन बौखला जाता है. अमेरिका ऐसा करके यह दिखाना चाहता है कि वह ताइवान के साथ खड़ा है. चीन ताइवान पर अपना दावा करता है.
चीन ने दी अमेरिकी जहाज को चेतावनी
चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी की पूर्वी थियेटर कमांड ने एक बयान में कहा कि अमेरिका की इस हरकत की वजह से उसे जहाज का पीछा करना पड़ा और चेतावनी भी दी. बयान में चीन ने कहा, 'लगातार उकसावे वाली हरकतों से अमेरिका ने यह साबित कर दिया है कि वह शांति और ताइवान जलडमरूमध्य में स्थिरता को खत्म करने वाला देश है.'
अगले महीने अमेरिकी हाउस स्पीकर का ताइवान दौरा
बता दें कि अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी अगले महीने ताइवान दौरे पर जाने वाली हैं और ये दौरा चीन बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है. चीन इसलिए बौखला गया है क्योंकि 1997 के बाद किसी अमेरिकी हाउस स्पीकर का ताइवान दौरा होने वाला है और वो भी ऐसे वक्त में जब चीन और ताइवान के रिश्ते सबसे ज्यादा खतरनाक दौर से गुजर रहे हैं. लिहाजा चीन धमकी दे रहा है कि अगर इस दौरे के बाद एशिया में कुछ बड़ा होता है तो जिम्मेदार अमेरिका होगा.
चीन की नापाक चाल दुनिया को एक और विश्वयुद्ध के मुहाने पर ले जा सकती है क्योंकि चीन का ताइवान पर हमला सीधा अमेरिका को चुनौती है. यूक्रेन और रूस के बीच छिड़े युद्ध के बीच चीन ने पहले से ही प्लान ताइवान पर काम तेज कर दिया था और इस दौरे की आड़ में ताइवान पर दबाव बना रहा है. ये तय है कि चीन ताइवान पर हमला करता है तो दुनिया के लिए तीसरे विश्वयुद्ध का फ्रंट खुल जाएगा, क्योंकि चीन का ताइवान पर हमला अमेरिका की साख पर हमला है. लेकिन अमेरिका के लिए ताइवान यूक्रेन से अलग है, जिसे वो खो नहीं सकता.
ताइवान तैयारी में जुटा है
चीन अगर तैयारी कर रहा है तो ताइवान भी तैयारी में जुटा है. ताइवान के हर शहर में ट्रेनिंग हो रही है कि अगर हमला होता है तो कैसे बचेंगे और कैसे बचाएंगे. एयरपोर्ट पर अगर अटैक होता है तो कैसे जिंदगी को बचाएंगे. बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों पर हमला होता है तो एक्शन प्लान क्या होगा. ये सारी तैयारी ताइवान में चल रही है.
ताइवान के आम लोगों को हथियार चलाने की भी ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि जरूरत पड़ने पर युद्ध के मैदान में चीनी सैनिकों का मुकाबला कर सके. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से चीन लगातार ताइवान पर हमला करने की कोशिश में लगा है. चीन के लड़ाकू विमान अकसर ताइवान की सीमा में घुसपैठ करते रहते हैं लेकिन ताइवान भी झुकने के लिए तैयार नहीं.
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