India Pakistan Talks: क्या भारत के साथ होगी बातचीत? पाकिस्तानी FO ने किया ये दावा
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India Pakistan Talks: क्या भारत के साथ होगी बातचीत? पाकिस्तानी FO ने किया ये दावा

India Pakistan dialogue: भारत के साथ रिश्तों को लेकर पाकिस्तान के हुक्मरानों की मंशा एक बार फिर दुनिया के सामने आई है. अपनी सरजमीं पर आंतकवाद को पालने वाले मुल्क के विदेश विभाग ने भारत के साथ संवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है.  

India Pakistan Talks: क्या भारत के साथ होगी बातचीत? पाकिस्तानी FO ने किया ये दावा

Pakistan Foreign office on Indo-Pak dialogues: पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (FO) ने कहा है कि भारत (India) के साथ लंबित मुद्दों पर कूटनीति के दरवाजे खुले हैं लेकिन ‘सार्थक और रचनात्मक संवाद’ का माहौल नहीं है. विदेश कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार के हवाले से मीडिया में छपी एक खबर में शुक्रवार को यह तल्ख टिप्पणी सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विदेश विभाग के अफसरों ने अपनी साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान भारत के साथ संबंधों पर पूछे गए सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की है.

भारत की दो टूक

पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ में छपी खबर के मुताबिक इफ्तिखार ने कहा, ‘कूटनीति (Diplomacy) में आप दरवाजे कभी भी बंद नहीं करते हैं.’ बता दें कि भारत, कई बार पाकिस्तान से कह चुका है कि वो आंतक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त माहौल में उसके साथ सामान्य पड़ोसी संबंध की आकांक्षा रखता है. भारत ने ये भी कहा है कि आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त माहौल का निर्माण करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है. जबकि इफ्तिखार ने कहा कि इस मुद्दे पर राष्ट्रीय आम सहमति है और पूर्ववर्ती सरकारों ने भारत के साथ विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की नीति को ही अपनाया है.

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बातचीत का माहौल नहीं

विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों के विवादों के कूटनीतिक समाधान की पाकिस्तान की इच्छा के बावजूद ‘सार्थक, रचनात्मक संवाद का माहौल नहीं है.’ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) की अगुवाई वाली पाकिस्तान की नयी सरकार के रुख और नयी दिल्ली में एक व्यापार मंत्री की नियुक्ति के संदर्भ में ये सवाल पूछे गए थे. शहबाज शरीफ के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री निर्वाचित होने के बाद उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच संदेशों का आदान-प्रदान हुआ था.

पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद शरीफ ने अपने भाषण में कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने का मुद्दा उठाया था. उन्होंने भारत के साथ बेहतर संबंधों की इच्छा व्यक्त की थी लेकिन इसे कश्मीर मुद्दे से जोड़ा था.

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