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इस्लामाबाद: बिना सोचे-समझे कुछ भी बोल देने की आदत के चलते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) एक बार फिर घिर गए हैं. इस बार घर में ही उनका जबरदस्त विरोध हो रहा है. दरअसल, अफगानिस्तान (Afghanistan) के हाल पर बोलते-बोलते इमरान खान इस कदर जोश में आ गए कि अपने ही जातीय समूह पश्तून (Pashtuns) को धरती पर सबसे ज्यादा नफरत करने वाला बता दिया. इसके बाद से लोग उन्हें निशाना बना रहे हैं.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) ने एक इंटरव्यू में कहा कि डूरंड रेखा के दोनों ओर के पश्तून (Pashtuns) पृथ्वी पर सबसे ज्यादा नफरत करने वाले लोग हैं. खान से पूछा गया था कि अफगानिस्तान पर तालिबान (Taliban) का इतना प्रभाव क्यों है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अलग-अलग जातीय समूहों की बटी हुई जनसंख्या है. इसमें पश्तून ही अकेल 45 फीसदी के करीब हैं. इसके बाद ताजिक, हजारा और उज्बेक जातीय समूहों का नंबर आता है. इसलिए अगर कोई एक जातीय समूह किसी दूसरे पर दबाव डालने की कोशिश करता है तो इसे अफगानिस्तान की अशांति भंग होती है.
#Islamabad: Pakistan's PM, @ImranKhanPTI, calls Pashtuns on both sides of the Durand Line as 'the most xenophobic people on earth, they fight each other normally but when there is an outside thing, they all get together.' (1/2) #SanctionPakistan #SanctionOnPakistan pic.twitter.com/Hz3HJzdvct
— RTA World (@rtaworld) August 12, 2021
Shocking to see that in 2021 a PM would label an entire ethnicity as "xenophobic". I can't believe how he can even think that considering all the Pashtuns around him. Expect these Pashtuns to defend this shameful racist characterisation rather than question and correct him. pic.twitter.com/U9ws8EkJg6
— Mohsin Dawar (@mjdawar) August 12, 2021
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हम इसलिए अफगानिस्तान में एक स्थायी सरकार चाहते हैं, क्योंकि अफगानिस्तान में अशांति से हमारा देश सीधे प्रभावित होता है. इसका कारण बताते हुए इमरान ने कहा कि पाकिस्तान में अफगानिस्तान से भी ज्यादा पश्तून रहते हैं और पश्तून धरती पर सबसे ज्यादा नफरत करने वाले लोग हैं. वे आमतौर पर एक दूसरे से लड़ते हैं, लेकिन अगर बाहर से कोई आ जाए तो वे इकट्ठा हो जाते हैं.
इमरान खान के इस बयान की निंदा हो रही है और लोग उनसे माफी मांगने को कह रहे हैं. नेशनल असेंबली के सदस्य मोहसिन डावर ने भी पश्तूनों को सबसे ज्यादा नफरत करने वाला कहने के लिए प्रधानमंत्री की आलोचना की है. वहीं, पाकिस्तानी पत्रकार खुर्रम हुसैन ने ट्वीट कर लिखा है कि जब आपकी सोच रूढ़िवादी हो तो ऐसे ही परिणाम सामने आते हैं. बता दें कि पाकिस्तान के उदार पश्तून तालिबान की सहायता करके अफगानिस्तान में अशांति फैलाने के सरकार के प्रयासों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. इस बात को लेकर भी इमरान खान उनसे नाराज हैं. शायद उनके अजीब बयान की यही वजह है.