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नई दिल्ली: पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव से अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी है. पाकिस्तान नेशनल असेंबली में कल (शनिवार को) देर रात इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, जिसमें उनकी हार हुई. उनको पीएम बने अभी 4 साल का भी वक्त नहीं हुआ था. साल 1947 से आज तक पाकिस्तान का कोई भी प्रधानमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है. कभी कोई प्रधानमंत्री सदन में हार गया तो किसी को सेना ने हटा दिया. लेकिन इसकी क्या वजहें हैं कि वहां कोई भी सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाती? आइए समझते हैं.
बता दें कि पाकिस्तान में आज तक कुल 30 प्रधानमंत्री रहे हैं, जिसमें से 7 प्रधानमंत्री केयर टेकर रहे. यानी कुल 23 बार पाकिस्तान ने किसी को प्रधानमंत्री पद पर बैठाया है. लेकिन कोई भी अपने पांच साल पूरे नहीं कर पाया है. इसमें बड़ी वजह रही है सेना की राजनैतिक दखल की. आइए एक नजर डालते पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्रियों पर और जानते हैं कैसे वो हुए थे सत्ता से बाहर.
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भारत के दो हिस्से होने के बाद लियाकत अली खान 15 अगस्त 1947 को पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने. लियाकत अली खान को 16 अक्टूबर 1951 को रावलपिंडी में मार दिया गया.
लियाकत अली की हत्या के बाद ख्वाजा नजीमउद्दीन 17 अक्टूबर 1951 को पाकिस्तान के पीएम बने. उन्हें 17 अप्रैल 1953 को पाकिस्तान के गवर्नर जनरल गुलाम मोहम्मद ने हटा दिया.
ख्वाजा नजीमउद्दीन के बाद मोहम्मद अली बोगरा पाकिस्तान के पीएम बने. 12 अगस्त 1955 को उन्हें पाकिस्तान के एक्टिंग गवर्नर जनरल इस्कंदर मिर्जा ने विभिन्न क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर हटा दिया.
चौधरी मोहम्मद अली ने 12 अगस्त 1955 को पाकिस्तान की कमान संभाली. उन्होंने पाकिस्तान को संविधान दिया. 12 सितंबर 1956 को उन्होंने पार्टी के प्रेशर में इस्तीफा दे दिया. कहा जाता है कि चौधरी अयूब खान की तानाशाही को लेकर मुखर थे.
प्रगतिशील विचारों वाले हुसैन शहीद सुहरावर्दी ने 12 सितंबर, 1956 को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री का पद संभाला. उनकी पार्टी अवामी लीग ने 1954 का चुनाव जीता था लेकिन 17 अक्टूबर 1957 को इस्कंदर मिर्जा के साथ मतभेदों के कारण उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.
इब्राहिम इस्माइल चुंदरीगर को 17 अक्टूबर, 1957 को पाकिस्तान के छठे प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था. उनका शासन केवल दो महीने तक चला.
फिरोज खान नून को 17 दिसंबर, 1957 को प्रधानमंत्री के पद बने. 7 अक्टूबर, 1958 को जनरल अयूब खान ने मार्शल लॉ लागू कर नून को उनके पद से बर्खास्त कर दिया.
13 साल के मार्शल लॉ के बाद तानाशाह याह्या खान के प्रशासन में नूरुल अमीन को प्रधानमंत्री बनाया गया. पदभार ग्रहण करने के 13 दिनों के भीतर ही 20 दिसंबर 1971 को अमीन को हटा दिया गया.
14 अगस्त 1973 को जुल्फिकार अली भुट्टो प्रधानमंत्री बने. उन्होंने 1977 में फिर से आम चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, लेकिन सैन्य तानाशाह जनरल मुहम्मद जिया उल हक ने उन्हें कैद कर लिया. भुट्टो को 1979 में फांसी दी गई थी.
मुहम्मद खान जुनेजो को 23 मार्च 1985 को सैन्य शासन के तहत प्रधानमंत्री चुना गया था. हालांकि, 29 मई, 1988 को जुनेजो की सरकार को बर्खास्त कर दिया गया.
बेनजीर भुट्टो 1988 में पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं. उन्हें जनरल ज़िया-उल-हक द्वारा पाकिस्तान में वर्षों के सैन्य शासन के बाद चुना गया था. उनकी पार्टी 1989 में महाभियोग से बच गई. हालांकि, उनकी सरकार सत्ता बरकरार नहीं रख सकी और 6 अगस्त, 1990 को राष्ट्रपति गुलाम इशाक खान ने उन्हें हटा दिया.
नवाज शरीफ पहली बार साल 1990 में पाकिस्तान के पीएम बने लेकिन राष्ट्रपति गुलाम इशाक खान ने 1993 में एकबार फिर से चुनी हुई सरकार को बर्खास्त कर दिया.
हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ की सरकार को बहाल किया लेकिन तब के पाक आर्मी चीफ वाहिद खाखर ने नवाज शरीफ और गुलाम इशाक खान को 18 जुलाई 1993 को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया.
बेनज़ीर भुट्टो 1993 में फिर से प्रधानमंत्री बनीं, लेकिन अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकीं, क्योंकि राष्ट्रपति फारूक लेघारी ने नवंबर 1996 में उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया था.
1997 के चुनाव के बाद नवाज शरीफ फिर से प्रधानमंत्री बने लेकिन बेनजीर की तरह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर सके. 12 अक्टूबर 1999 को जनरल परवेज मुशर्रफ ने देश में आपातकाल लगा दिया और नवाज शरीफ को सत्ता से हटा दिया.
जफरुल्ला खान जमाली परवेज मुशर्रफ की तानाशाही के दौरान पहले प्रधानमंत्री बनाए गए लेकिन मुशर्रफ द्वारा सिर्फ 19 महीने बाद ही उन्हें हटा दिया गया.
चौधरी सुजात 30 जून 2004 को संसद में एक चुनाव के माध्यम से प्रधानमंत्री बने. शुजात ने सिर्फ तब तक काम किया जब तक शौकत अजीज को प्रधानमंत्री के रूप में नहीं चुना जा सका.
शौकत अजीज को 28 अगस्त 2004 को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था. उन्होंने अपना संसद कार्यकाल पूरा करने के बाद 15 नवंबर, 2007 को पद छोड़ दिया.
यूसुफ रजा गिलानी 2008 में आम चुनाव के बाद 18 वें प्रधानमंत्री बने. उनकी पार्टी, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने बहुमत हासिल किया था. उन्हें 2012 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अवमानना के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सत्ता से बाहर कर दिया गया.
गिलानी के हटने के बाद राजा परवेज अशरफ ने पाकिस्तान के पीएम पद की कमान संभाली. वो जून 22, 2012 से मार्च 24, 2013 तक पीएम रहे.
नवाज़ शरीफ़ जून 2013 में तीसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने. उन्होंने पाकिस्तान में पिछले सभी प्रधानमंत्रियों की तुलना अबतक का सबसे लंबा कार्यकाल पूरा किया. 28 जुलाई, 2017 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा महाभियोग चलाने से पहले वह चार साल 53 दिनों तक सत्ता में रहे.
नवाज शरीफ को पद से हटाए जाने के बाद शाहिद खाकान अब्बासी को 21वें प्रधानमंत्री बनाया गया. उन्होंने अगस्त 2017 में पदभार ग्रहण किया. हालांकि उनका कार्यकाल 31 मई 2018 को समाप्त हो गया.
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इमरान खान की सरकार पर इस समय संकट मंडरा रहा है. वो 18 अगस्त 2018 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुने गए थे. इस समय उनकी सरकार अल्पमत में है. हालांकि पाकिस्तानी सेना अभी भी उन्हें समर्थन कर रही है ऐसे में यह देखने लायक होगा कि क्या वो अपना कार्यकाल पूरा कर पाते हैं.
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