कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) मामले में अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते भले ही पाकिस्तान (Pakistan) को थोड़ा झुकना पड़ा हो, लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया है.
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इस्लामाबाद: कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) मामले में अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते भले ही पाकिस्तान (Pakistan) को थोड़ा झुकना पड़ा हो, लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया है. इमरान खान सरकार ने साफ कर दिया है कि भारतीय दबाव में अपने कानून में किसी किस्म का बदलाव नहीं करेगी.
पाकिस्तान ने गुरूवार को कहा कि हम भारतीय दबाव के चलते कुलभूषण जाधव मामले में अपने कानून नहीं बदल सकते. भारत को पाकिस्तान की अदालतों के साथ सहयोग करना होगा. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, सरकार ने भारत के वकील को केस लड़ने की इजाजत देने के लिए कानून बदलने से इनकार कर दिया है.
Pakistan dismisses any option to amend local laws on India's demand to allow its lawyers to fight the case of Indian national Kulbhushan Jadhav (in file pic) in Pakistani courts: Pakistan media pic.twitter.com/U0c8Uwo4Kh
— ANI (@ANI) September 10, 2020
इमरान को कट्टरपंथियों का डर
पाक सरकार के इस रुख की वजह विपक्ष और कट्टरपंथियों का खौफ है. दरअसल, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के निर्देश पर जाधव की मौत की सजा पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का मौका देने के लिए पाक को कानून में बदलाव करना पड़ा था. जिसके चलते इमरान खान सरकार पर चौतरफा हमले हुए थे. विपक्ष ने उन्हें जमकर निशाना बनाया था. ऐसे में यदि अब पाकिस्तान कोई बदलाव करता है, तो वह मुश्किलों में घिर सकते हैं.
क्या कहा था कोर्ट ने
मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि जाधव के लिए वकील नियुक्त करने का एक और मौका भारत को मिलना चाहिए. हाई कोर्ट ने केस की सुनवाई भी एक महीने के लिए टाल दी थी. आपको बता दें कि रिटायर्ड नौसैनिक अधिकारी कुलभूषण जाधव पाकिस्तान की जेल में जासूसी के आरोप में बंद हैं और उनकी मौत की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के लिए वकील की नियुक्त पर सुनवाई चल रही है.
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