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लाहौर: पाकिस्तान (Pakistan) में भारतीय इतिहास से जुड़े प्रतीकों के प्रति नफरत का नया मामला सामने आया है. लाहौर (Lahore) में महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को एक बार फिर तोड दिया गया है. ये हरकत तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) संगठन से जुड़े एक शख्स ने की है, जिसे वारदात के वक्त आसपास मौजूद लोगों ने पकड़ लिया.
ताजा घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें सफेद कुर्ता-पायजामा पहने एक शख्स मूर्ति के पैर और दूसरे हिस्से को तोड़ते हुए नजर आ रहा है. वीडियो में आपको नारे भी सुनाई देंगे. हालांकि, वहां मौजूद लोगों ने शख्स को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया. मूर्ति तोड़ने वाला ये शख्स तहरीक-ए लब्बैक पाकिस्तान (TLP) से जुड़ा है. आपको बता दें कि टीएलपी पाकिस्तान की एक पॉलिटिकल पार्टी है. ये घोर इस्लामिक पार्टी के तौर पर अपनी पहचान रखती है. 2015 में इस पार्टी का गठन हुआ था, जिसे इसी साल अप्रैल में प्रतिबंधित कर दिया गया.
The statue of Maharaja Ranjeet Singh, outside the Haveli of Rani Jindan at Lahore fort, vandalised by a Tehrik-e-Labbaik worker. pic.twitter.com/M6zEA2Clx0
— Naila Inayat (@nailainayat) August 17, 2021
लाहौर किले में कांस्य से बनी 9 फीट की इस मूर्ति का अनावरण जून 2019 में किया गया था. तब से लेकर अब तक इस मूर्ति पर ये तीसरी बार हमला हुआ है. इससे पहले पिछले साल दिसंबर में भी एक शख्स ने मूर्ति पर हमला किया था. उसने मूर्ति का हाथ तोड़ दिया था. वह और नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा था. लेकिन ऐसा करने से पहले उसे भी लोगों ने पकड़ लिया था. इसके अलावा एक बार और भीड़ ने मूर्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी.
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गौरतलब है कि सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह का निधन 1839 में लाहौर में हुआ था. उस वक्त लाहौर भारत का हिस्सा था. उन्हीं की याद में इस मूर्ति को लाहौर फोर्ट यानी शाही किले पर बनवाया गया था. इस मूर्ति में रणजीत सिंह घोड़े पर बैठे हैं और उनके हाथ में तलवार है. वह सिखों के परिधान में बैठे दिखते हैं. जून 2019, में इस प्रतिमा का अनावरण हुआ था और समारोह में भारत व पाकिस्तान समेत अन्य देशों के कई सिख प्रतिनिधियों ने हिस्सा था.
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