India-Pakistan Border: भारत-PAK में एक ही नाम के कई गांव, हिंदुस्तानी आबाद; पाकिस्तान वाले बंजर
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India-Pakistan Border: भारत-PAK में एक ही नाम के कई गांव, हिंदुस्तानी आबाद; पाकिस्तान वाले बंजर

Pakistan Border: भारत के बंटवारे के बाद अस्तित्व में आए पाकिस्तान की हालत खस्ता है. भारत तेजी से उभरती हुई इकॉनमी वाला देश है तो गले तक कर्ज में डूबे पाकिस्तान में हाहाकार मचा है. ऐसे में सीमा पर मौजूद गावों की तस्वीर के जरिए भी दोनों देशों के बीच के अंतर को बखूबी समझा जा सकता है.

India-Pakistan Border: भारत-PAK में एक ही नाम के कई गांव, हिंदुस्तानी आबाद; पाकिस्तान वाले बंजर

Common name village India-Pakistan: भारत के साथ पाकिस्तान की सैकड़ों किलोमीटर की सीमा मिलती है. राजस्थान की बात करें तो बाड़मेर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा पर कुछ गांव ऐसे हैं जिनके नाम कॉमन हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इन गावों के हिस्से सीमा के दोनों तरफ स्थित है. इन गावों के नाम भले ही एक हों लेकिन इनकी तस्वीरें और हालात एकदम जुदा है.

ये गांव दोनों देशों में

यहां बात भारत के वरनार और सोमराड़ गांव की जिनकी जमीन पर मीठे पानी का भंडार है और बॉर्डर के आखिरी गांव तक घरेलू और सिंचाई के लिए बिजली करीब एक दशक पहले पहुंच चुकी है, भारत के इन गांवों के किसान यहां खेती करके धरती से सोना निकाल रहे हैं. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान में भी तारबंदी  के पास वरनार और सोमराड़ गांव हैं लेकिन वहां सूखा है. दूर-दूर तक न आबादी रहती है न कोई न ही कोई परिंदा नजर आता है. वजह ये है कि पाकिस्तान के इन गावों में विकास नाम की चिड़िया अभी तक नहीं पहुंची है.

विकास और विनाश की सोच का फर्क

भारत सीमा के उस पार पाकिस्तान में न बिजली है और न पानी का कोई इंतजाम. इसलिए खेती तो यहां हो ही नहीं सकती है. ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान सीमा वाले गांव पूरी तरह से बंजर हों. वहां भी जमीन के अंदर मीठा पानी है लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान सीमा वाले गांव वीरान पड़े हैं और वहां हमेशा सन्नाटा पसरा रहता है. पाकिस्तान अपनी गलत नीतियों की वजह से विकास में एकदम पिछड़ चुका है. वहां के शहरों में भी परेशानियों का अंबार लगा है. ऐसे में सरहद के इन गावों की हालत ऐसी होना लाजिमी है.

सरहद पर मौजूद कुआं

बाड़मेर जिले के बाखासर इलाके स्थित बॉर्डर पर दो देशों की सरहदों के बीच एक 100 साल पुराना  कुआं मौजूद है. भारत के सारला, जाटों का बेरा, बाखासर, सूजो का निवाण, दीपला, पांधी का निवाण, वहीं पाकिस्तान के वरनार और साकरियो समेत कई गांवों के हजारों लोग कभी इसका पानी पीते थे. लेकिन बंटवारे के बाद यहां के हालात एकदम जुदा हैं.

भारत के किसान आबाद हो गए और पाकिस्तान के बर्बाद

बॉर्डर तारबंदी के बीच फंसे इस कुएं के आसपास के 10 किमी. में किसानों ने करीब 20-25 कुएं खोद रखे है. खास बात ये है कि इस इलाके में कुओं में मीठा पानी है. किसान बागवानी से लेकर जीरा-ईशबगोल, रायड़ा सहित कई फसलों की बुआई कर सालाना लाखों रुपए कमा रहे है. वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान में सरहद तक बिजली भी नहीं पहुंची है, ऐसे में पाकिस्तान के गांव वीरान पड़े है. यहां तक की पाकिस्तान में सरहद के गांव में कुछ भी नहीं है

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