China की करतूत उजागर करने वाले नेपाली नेता Jivan Bahadur Shahi को जान का खतरा
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China की करतूत उजागर करने वाले नेपाली नेता Jivan Bahadur Shahi को जान का खतरा

नेपाल की भूमि पर चीन के अवैध कब्जे का खुलासा करने वाले नेपाली कांग्रेस के नेता जीवन बहादुर शाही (Jivan Bahadur Shahi) को डर है कि उन्हें कुछ हो सकता है. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि यदि उन्हें कुछ होता है तो इसके लिए चीन जिम्मेदार होगा.

 

फाइल फोटो

काठमांडू: चीन की कारगुजारियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले नेपाल में विपक्ष के नेता जीवन बहादुर शाही (Jivan Bahadur Shahi) को जान का खतरा है. शाही का कहना है कि यदि उन्हें कुछ होता है तो इसके लिए सीधे तौर पर चीन जिम्मेदार होगा. नेपाली कांग्रेस (Nepali Congress) के सांसद ने कहा कि सीमावर्ती हुमला इलाके में चीन (China) के अवैध कब्जे का मामला उठाने के बाद से उनकी जान को खतरा बना हुआ है.

  1. नेपाली कांग्रेस के सांसद हैं जीवन बहादुर शाही 
  2. सीमावर्ती हुमला इलाके में चीन के कब्जे का किया था खुलासा 
  3. चीन के तेवर देखकर सता रहा है कि अपनी हत्या का डर
  4.  

लगा दिए पिलर
बता दें कि नेपाल (Nepal) में अतिक्रमण संबंधी रिपोर्ट पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी. करनाली प्रांत से आने वाले शाही ने अक्टूबर में यह मामला उठाते हुए कहा था कि चीन ने नेपाल की धरती पर अपने पिलर खड़े कर दिए हैं और वहां निर्माण कार्य करा रहा है. 

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लिखा था पत्र 
शाही के आरोपों को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (K. P. Sharma Oli) ने बेबुनियाद करार दिया था. जिसके बाद काठमांडू स्थित चीनी दूतावास ने नेपाली कांग्रेस को आक्रामक भाषा में पत्र लिखकर पूरे मामले को गलत बताया था और इस पर अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी. 

धमकाने वाली भाषा
एक इंटरव्यू में शाही ने चीनी दूतावास के पत्र पर बोलते हुए कहा कि चीनी दूतावास के पत्र ने नेपाली कांग्रेस के चीन से संबंधों को खतरे में डाल दिया है. पत्र में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है वह पूरी तरह से कूटनीतिक मान्यताओं के खिलाफ है. पत्र की भाषा धमकाने वाली है और यह मेरे व्यक्तित्व पर सवाल उठाती है. 

चीन के फायदे के लिए सबकुछ
गौरतलब है कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की चीन से करीबी को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं. ऐसी भी एक रिपोर्ट सामने आई थी कि ओली को चीन को फायदा पहुंचाने वाली नीतियों को अमल में लाने के लिए प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ मिलता है. नेपाल में चीन के बढ़ते प्रभुत्व और स्थानीय राजनीति में उसकी बढ़ती दखलंदाजी को लेकर भी कई नेपाली नेता एतराज जता चुके हैं, लेकिन ओली को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.  

 

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