एहसानुल्लाह एहसान दुर्दांत आतंकवादी रहा है. उसे पाकिस्तान में कई बड़े हमलों की जिम्मेदारी ली है. जिसमें मलाला यूसुफजई और पेशावर स्कूल पर हमले जैसे कुकृत्य शामिल हैं.
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रावलपिंडी/इस्लामाबाद: पाकिस्तान किस तरह से तालिबान की मदद करती है, ये एक बार फिर से साबित हुआ है पाकिस्तानी सेना के उस कारनामे से, जिसमें उसके सेफ में हाउस में रखा गया तालिबान का बड़ा नेता वहां से भाग निकला. खास बात ये है कि अब पाकिस्तानी सेना अपने उन अधिकारियों पर केस चलाएगी, जिनके रहते तालिबान का नेता भागा. लेकिन ये केस उसे भगाने में मदद के लिए नहीं, बल्कि लापरवाही के लिए चलाया जाएगा. खुद पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने इस बात की जानकारी दी.
ये मामला साल 2020 का है. जब पिछले तीन साल से पाकिस्तानी सेना के 'सेफ हाउस' में आराम से रह रहा तालिबान का नेता लियाकत अली उर्फ एहसानुल्लाह एहसान वहां से भाग निकला था. उसने खुद ही तीन साल पहले पाकिस्तानी सेना के सामने समर्पण किया था और तालिबान के खिलाफ कार्रवाई में मदद देने का भरोसा दिलाया था. लेकिन पिछले साल जनवरी में जब उस सेफ हाउस के अधिकतर सेना और अधिकारी तालिबान के खिलाफ अभियान में हिस्सा लेने के लिए निकले, तो वो चुपचाप उस सेफ हाउस से फरार हो गया. एहसानुल्लाह एहसान पाकिस्तान बेस्ड तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का प्रवक्ता रहा है. TTP पाकिस्तान में मौजूद सबसे मजबूत तालिबानी धड़ा माना जाता है. ये अफगानिस्तान में भी खूब सक्रिय है. साल 2018 तका इसे फजलुल्ला ग्रुप भी कहा जाता था, क्योंकि तब तक इसका नेता मौलाना फजलुल्लाह था. अभी इस ग्रुप का लीडर नूर वली महसूद है और ये तालिबान ग्रुप पाकिस्तान के खैबर पख्तून्ख्वा प्रांत में काफी प्रभावी माना जाता है.
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने रावलपिंडी में कहा कि एहसानुल्लाह एहसान के भागने के मामले में दोषी सेना के अधिकारियों और जवानों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. हालांकि उन सभी पर लापरवाही का मामला चलेगा. अभी एहसानुल्लाह के साथ मिली भगत की कोई जानकारी सामने नहीं आई है. रावलपिंडी शहर में पाकिस्तानी सेना का हेड क्वार्टर है. बाबर इफ्तिखार ने कहा कि एहसानुल्लाह एहसान की तलाश लगातार जारी है और वो अभी विदेश में छिपा हुआ हो सकता है.
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सेफ हाउस अधिकतर आबादी वाले इलाकों में स्थित होते हैं. सेफ हाउस को आम दफ्तर की तरह इस्तेमाल किया जाता है और आम लोगों को इसके बारे में मालूम नहीं होता. ऐसा काम अधिकतर जासूसी एजेंसियां करती हैं. लेकिन हैरानी की बात है कि पाकिस्तान की सेना के सामने दुर्दांत आतंकी ने आत्मसमर्पण किया था और उसे जेल भेजने की बजाय उच्च सुरक्षा वाले सेफ हाउस में रखा गया. और यहां से भी वो आराम से फरार हो गया.
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एहसानुल्लाह एहसान दुर्दांत आतंकवादी रहा है. उसे पाकिस्तान में कई बड़े हमलों की जिम्मेदारी ली है. जिसमें मलाला यूसुफजई और पेशावर स्कूल पर हमले जैसे कुकृत्य शामिल हैं. पाकिस्तानी सेना की पहुंच से दूर जाने के बाद फिर से वो सक्रिय हो गया है और लगातार धमकियां दे रहा है. मलाला ने हाल ही में एहसानुल्लाह की तरफ से मिल रही धमकियों का जिक्र किया था.
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